हर साल होने वाली चार खगोलीय घटनाओं में से एक शुक्रवार, 23 सितंबर को होने जा रही है। इस तिथि को सौर मंडल का मुखिया, सूर्य उत्तरी गोलार्ध पर विषुवत या भूमध्य रेखा पर होगा जिसके कारण दिन व रात बराबर होंगे। इस खगोलीय घटना के बाद सूर्य दक्षिणी गोलार्ध में प्रवेश कर जाएगा और उत्तरी गोलार्ध में धीरे-धीरे रातें बडी होने लगेंगी। खगोल वैज्ञानिकों के अनुसार पृथ्वी के मौसम परिवर्तन के लिए साल में चार बारऔरऔर भी

हफ्ते के सातों दिन किसी न किसी देव को समर्पित हैं जो हमारे ही अंतर्निहित तत्वों के नाम हैं। इनमें से सबसे प्रखर देव सूर्य और शनि हैं। लेकिन इन दोनों ही दिनों हम निढाल पड़े जम्हाई ले रहे होते हैं!और भीऔर भी

काम ही राम है। केवल चार शब्दों की इस नन्हीं मुन्हीं कहावत में प्रागैतिहासिक युग से भी बहुत पहले की झांकी मिल जाती है कि किसी ईश्वरीय चमत्कार से मनुष्य मनुष्य नहीं बना बल्कि वह मेहनत और काम का ही करिश्मा है कि उसने मनुष्य के अगले दो पांवों को हाथों में तब्दील कर दिया अन्यथा वह अब तक चौपाया का ही जीवन जीता। पांवों का स्थान छोड़कर हाथ स्वतंत्र हुए तो पत्थर फैंकना, लकडी थामना औरऔरऔर भी