जब आर्थिक विकास दर घटकर 5.3 फीसदी पर आ गई हो, अप्रैल के औद्योगिक उत्पादन सूचकांक (आईआईआई) में महज 0.1 फीसदी बढ़त दर्ज की गई हो और निवेश जगत में हर तरफ मायूसी का आलम हो, तब अगर 23 में से 17 अर्थशास्त्री मान रहे थे कि रिजर्व बैंक मौद्रिक नीति की पहली मध्य-तिमाही समीक्षा में रेपो दर में चौथाई फीसदी कमी (8 फीसदी से 7.75 फीसदी) कर देगा तो उनका मानना कोई नाजायज नहीं था। लेकिनऔरऔर भी

अभी रिजर्व बैंक द्वारा 3 मई मौद्रिक नीति में ब्याज दरें 0.25 फीसदी से 0..50 फीसदी बढ़ाने की अटकलें चल ही रही हैं कि देश के सबसे बड़े बैंक भारतीय स्टेट बैंक (एसबीआई) ने अपना बेस रेट 0.25 फीसदी बढ़ा दिया है। अभी तक यह 8.25 फीसदी था। अब 8.50 फीसदी हो गया। इससे बैंक द्वारा दिए गए होम और ऑटो लोन महंगे हो जाएंगे। एसबीआई ने इसके साथ ही अपने बेंचमार्क प्राइन लेंडिंग रेट (बीपीएलआर) कोऔरऔर भी

रिजर्व बैंक ने चालू वित्त वर्ष में आठवीं बार ब्याज दरें (रेपो व रिवर्स दर) बढ़ा दी हैं। इसका सीधा असर बैंकों द्वारा दिए जा रहे ऑटो, होम और कॉरपोरेट लोन पर पड़ेगा। लेकिन बैंक फिलहाल इस महीने ब्याज दरों में कोई नई वृद्धि नहीं करने जा रहे हैं। इंडियन ओवरसीज बैंक के चेयरमैन व प्रबंध निदेशक (सीएमडी) एम नरेंद्र का कहना है कि रिजर्व बैंक द्वारा मौद्रिक नीति को कड़ा किए जाने का तत्काल कोई असरऔरऔर भी

सरकार नए वित्त वर्ष 2011-12 से 15 लाख रुपए तक के होम लोन पर ब्याज में एक फीसदी की सब्सिडी देगी, बशर्ते मकान की कीमत 25 लाख रुपए से कम हो। अभी तक सरकार की तरफ से 20 लाख रुपए तक के मकान पर 10 लाख रुपए के होम लोन पर एक फीसदी ब्याज सब्सिडी दी जाती है। वित्त मंत्री प्रणव मुखर्जी ने संसद में बजट भाषण में कहा कि वे आवास ऋण पर एक फीसदी ब्याजऔरऔर भी

किसी गाड़ी के लिए शॉक एब्जॉर्वर जो काम करता है, वैसी ही भूमिका किसी कर्जदार के लिए मोर्गेज इंश्योरेंस की है। आपने यदि किसी प्रकार का कर्ज लिया है तो मोर्गेज इंश्योरेंस काफी उपयोगी हो सकता है। खास कर उस स्थिति में और ज्यादा, जब कर्ज लेने के बाद आपकी असामयिक मौत हो जाती है। तब मोर्गेज इंश्योरेंस ही आपके परिवार की चिंताएं दूर करता है। कैसे काम करता है: मान लीजिए कि आपने 50 लाख रुपएऔरऔर भी

बेस रेट तो लागू हो गया, लेकिन पुराने होम लोन के ब्याज का क्या होगा? नया होम लोन तो बैंक अपने बेस रेट के हिसाब से देंगे। जो ऋण नवीकरण के लिए आएंगे, उन पर भी बेस रेट की नई प्रणाली लागू होगी। जिन बैंकों ने शुरुआती सालों के लिए 8, 8.25 या 8.50 फीसदी ब्याज दर वाली विशेष स्कीमें पेश की थी, उन्हें और उनके ग्राहकों को कोई परेशानी नहीं है। एसबीआई या एचडीएफसी की तरहऔरऔर भी

देश के सबसे बड़े बैंक एसबीआई (भारतीय स्टेट बैंक) ने सस्ते या टीजर होम लोन की स्कीम 30 अप्रैल 2010 तक बढा दी है। पहले यह स्कीम 31 मार्च 2010 को खत्म होनी थी। इस स्कीम के तहत होम लोन लेनेवाले को पहले साल केवल 8 फीसदी सालाना की दर से ब्याज देना होता है। अभी तक दूसरे व तीसरे साल ब्याज की दर 8.5 फीसदी रखी गई है। लेकिन 1 अप्रैल या उसके बाद होम लोनऔरऔर भी