चालू वित्त वर्ष 2013-14 के पहले महीने अप्रैल में देश के औद्योगिक उत्पादन सूचकांक (आईआईपी) में मात्र दो फीसदी की वृद्धि दर्ज की गई है, जबकि अर्थशास्त्री व अन्य विश्लेषक एक दिन पहले तक इसके 2.4 से 2.7 फीसदी तक बढ़ने का अनुमान लगा रहे थे। महीने भर पहले मार्च में आईआईपी 2.5 फीसदी बढ़ा था। औद्योगिक उत्पादन के इस तरह उम्मीद से कम बढ़ने से शेयर बाज़ार को थोड़ी निराशा हुई और बीएसई सेंसेक्स 0.53 फीसदीऔरऔर भी

साल 2012 में जनवरी से लेकर मार्च तक भारतीय शेयर बाजार में धनात्मक रहा एफआईआई निवेश अप्रैल में पहली बार ऋणात्मक हो गया है। बॉम्बे स्टॉक एक्सचेंज के ताजा आंकड़ों के अनुसार अप्रैल में एफआईआई ने बाजार से 1657.19 करोड़ रुपए निकाले हैं, जबकि एफआईआई ने जनवरी में बाजार में शुद्ध रूप से 10,357.50 करोड़ रुपए, फरवरी में 25,212 करोड़ रुपए और मार्च में 8381.30 करोड़ रुपए डाले थे। इसमें प्राइमरी बाजार और ऋण प्रपत्रों का निवेशऔरऔर भी

मई 2011 में भारत से सेवाओं का निर्यात अप्रैल के मुकाबले 3.2 फीसदी बढ़कर 11.83 अरब डॉलर पर पहुंच गया। रिजर्व बैंक ने एक बयान में कहा कि अप्रैल, 2011 में देश से 11.46 अरब डॉलर मूल्य की सेवाओं का निर्यात किया गया था। मई में सेवाओं का आयात भी 2.8 फीसदी बढ़कर 7.08 अरब डॉलर का रहा, जो अप्रैल में 6.88 अरब डॉलर का था। चालू वित्त वर्ष 2011-12 में अप्रैल-मई के दौरान सेवाओं का सकलऔरऔर भी

तीन माह तक लगातार घटने के अप्रैल 2011 में देश में प्रत्यक्ष विदेशी निवेश (एफडीआई) 43 फीसदी बढकर 3.12 अरब डॉलर पर पहुंच गया। इससे पिछले साल इसी माह देश में कुल 2.17 अरब डॉलर का प्रत्यक्ष विदेशी निवेश हुआ था। एक अधिकारी ने बताया कि एफडीआई के मौजूदा आंकड़े वैश्विक और विशेष रूप से यूरोपीय अर्थव्यवस्था में सुधार को दर्शाते हैं। इस दौरान देश में मुख्य रूप से मॉरीशस, सिंगापुर, अमेरिका, ब्रिटेन, नीदरलैंड, जापान, जर्मनी औरऔरऔर भी

रिजर्व बैंक ने चालू वित्त वर्ष में आठवीं बार ब्याज दरें (रेपो व रिवर्स दर) बढ़ा दी हैं। इसका सीधा असर बैंकों द्वारा दिए जा रहे ऑटो, होम और कॉरपोरेट लोन पर पड़ेगा। लेकिन बैंक फिलहाल इस महीने ब्याज दरों में कोई नई वृद्धि नहीं करने जा रहे हैं। इंडियन ओवरसीज बैंक के चेयरमैन व प्रबंध निदेशक (सीएमडी) एम नरेंद्र का कहना है कि रिजर्व बैंक द्वारा मौद्रिक नीति को कड़ा किए जाने का तत्काल कोई असरऔरऔर भी