भारत और अमेरिका के बीच दूसरे दौर की रणनीतिक वार्ता नई दिल्ली में 6 अप्रैल को होगी जिसमें विदेश मंत्री हिलेरी क्लिंटन अमेरिकी पक्ष का नेतृत्व करेंगी। यह घोषणा विदेश सचिव निरुपमा राव ने वॉशिंगटन में की। निरुपमा राव ने अपने तीन दिवसीय अमेरिका दौरे के समापन पर मंगलवार की शाम संवाददाताओं से कहा, ‘‘इस बार बैठक 6 अप्रैल को नई दिल्ली में होगी। विदेश मंत्री हिलेरी क्लिंटन इसके लिए भारत यात्रा करेंगी।’’ अमेरिका यात्रा पर आईंऔरऔर भी

ग्रीन रिवोल्यूशन सीधे-सीधे भारत में हरित क्रांति के रूप में स्वीकार हो गई और कई दशकों तक उसका असर भी देखा गया, पर एवरग्रीन रिवोल्यूशन को सदाबहार क्रांति कहना शायद मुश्किल होगा। लेकिन भारत दौरे पर आए अमेरिकी राष्ट्रपति बराक ओबामा ने विश्व में खाद्य सुरक्षा हासिल के लिए ग्रीन के बाद अब एवरग्रीन रिवोल्यूशन की पेशकश की है। उन्होंने राजधानी दिल्ली के हैदराबाद हाउस में प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह के साथ आयोजित संयुक्त संवाददाता सम्मेलन को संबोधितऔरऔर भी

अमेरिकी राष्ट्रपति बराक ओबामा की अगले हफ्ते होनेवाली भारत यात्रा द्विपक्षीय संबंधों के आर्थिक पहलू पर केंद्रित रहेगी क्योंकि अमेरिकी प्रशासन इसे सबसे महत्वपूर्ण उभरते हुए द्विपक्षीय आर्थिक रिश्तों के तौर पर देखता है। ह्वाइट हाउस में उप राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार माइकल फोरमैन ने वॉशिंगटन में संवाददाताओं से कहा, ‘‘यह असल में अमेरिका के लिए बहुपक्षीय और द्विपक्षीय रूप से सबसे महत्वपूर्ण और उभरते हुए आर्थिक संबंध हैं। हम जी-20 के परिप्रेक्ष्य में भारत के साथ काफीऔरऔर भी

जैसे-जैसे दलबल के साथ अमेरिकी राष्ट्रपति बराक ओबामा के भारत आने की तारीख करीब आती जा रही है, सरकार के तमाम मंत्री व आला अधिकारी मल्टी ब्रांड रिटेल में प्रत्यक्ष विदेशी निवेश (एफडीआई) की वकालत करते नजर आ रहे हैं। इसकी खास वजह यह है कि अमेरिका का भारी दबाव इस बात पर है कि भारत मल्टी ब्रांड रिटेल को विदेशी पूंजी निवेश के लिए खोल दे। प्रमुख अमेरिकी स्टोर व दुनिया के सबसे बड़े रिटेलर वॉलऔरऔर भी

देश की दूसरी सबसे बड़ी सॉफ्टवेयर निर्यातक कंपनी इनफोसिस टेक्नोलॉजीज के संस्थापक एन आर नारायण मूर्ति ने सवाल उठाया है कि चीन ने अपनी सस्ती मैन्यूफैक्चरिंग के दम पर दुनिया के तमाम देशों में औसत नौकरियों के मौके खत्म कर दिए है, लेकिन उसके खिलाफ कहीं शोर नहीं होता। जबकि भारत ने आउटसोर्सिंग के काम से नौकरियों के सीमित अवसर ही खत्म किए हैं, लेकिन भारत के खिलाफ खूब हल्ला मचाया जा रहा है। नारायण मूर्ति मंगलवारऔरऔर भी

अमेरिकी राष्ट्रपति बराक ओबामा का कहना है कि उनका देश अपना प्रतिस्पर्धी स्थान खो रहा है और भविष्य की नौकरियां भारत जैसे देशों के युवाओं के हाथ में होंगी, जहां शिक्षा क्षेत्र में भारी निवेश किया जा रहा है। उन्होंने अमेरिका के लोवा शबर में आयोजित एक सार्वजनिक सभा में कहा, ‘‘आप देखिए चीन, भारत और ब्राजील जैसे देश शिक्षा प्रणाली और बुनियादी ढांचे में जमकर निवेश कर रहे हैं। कहां हम अव्वल होते थे, मसलन कॉलेजऔरऔर भी