साल भर पहले हमने यहीं पर पॉलि मेडिक्योर में निवेश की सलाह दी थी। तब उसका शेयर 240 के आसपास था। अभी 14 मई को 574.85 का शिखर छूने के बाद फिलहाल 512.50 रुपए पर है। 100% से ज्यादा रिटर्न दिलानेवाली ऐसी तमाम सलाहें तब मुफ्त हुआ करती थीं। लेकिन खुली मुठ्ठी में रखे हीरे का मूल्य लोगों ने नहीं समझा तो मुठ्ठी बंद करनी पड़ी। आज ऐसी कंपनी जो सीधे वॉरेन बफेट से ताल्लुक रखती है।औरऔर भी

सरकार ने बड़े स्पष्ट शब्दों में बीमा नियामक संस्था, आईआरडीए (इरडा) से कहा कि उसे बीमा कंपनियों के बीच मची आत्मघाती होड़ की प्रवृत्ति को रोकने के लिए तत्काल कदम उठाने होंगे। इधर कंपनियों में बाजार पकड़ने के चक्कर में कम प्रीमियम लेने की होड़ मची हुई है। वित्त मंत्री प्रणब मुखर्जी ने राजधानी दिल्ली में बुधवार को इरडा की 72वीं बोर्ड बैठक को संबोधित करते हुए कहा, “वाजिब अंडरराइटिंग को सुनिश्चित करना और प्रीमियम में कटौतीऔरऔर भी

पूंजी बाजार नियामक संस्था, सेबी ने स्टॉक एक्सचेंजों से लेकर क्लियरिंग कॉरपोरेशन और डिपॉजिटरी तक के स्वामित्व व स्वरूप पर अपनी अंतिम नीति जारी कर दी है। सेबी के बोर्ड ने सोमवार को अपनी बैठक में बिमल जालान समिति की सिफारिशों के आधार पर नीतिगत फैसले लिए हैं। तय हुआ है कि किसी भी स्टॉक एक्सचेंज की 51 फीसदी इक्विटी हिस्सेदारी पब्लिक के पास होगी। कोई भी स्टॉक एक्सचेंज अपने यहां खुद को लिस्ट नहीं करा सकता।औरऔर भी

महिंद्रा सत्यम (पुराना नाम सत्यम कंप्यूटर) और टेक महिंद्रा के निदेशक बोर्ड बुधवार को दोनों कंपनियों विलय पर विचार-विमर्श करेंगे। मंगलवार को इस घोषणा के बाद महिंद्रा सत्यम का शेयर 4.66 फीसदी बढ़कर 74.15 रुपए और टेक महिंद्रा का शेयर 5.13 फीसदी बढ़कर 648.35 रुपए पर बंद हुआ। माना जा रहा है कि सत्यम महिंदा को टेक महिंद्रा में मिला दिया जाएगा और महिंद्रा सत्यम के शेयरधारकों को अपने 9 शेयरों के बदले टेक महिंद्रा का एकऔरऔर भी

पूंजी बाजार नियामक संस्था, सेबी ने वित्त मंत्री प्रणब मुखर्जी की बड़ी मुश्किल आसान कर दी है। अब शेयर बाजारों में लिस्टेड कोई भी कंपनी न्यूनतम 25 फीसदी पब्लिक शेयरधारिता हासिल करने के लिए सीधे अपने शेयर बेच सकती है। इसके लिए उसे कोई पब्लिक इश्यू लाने की जरूरत नहीं होगी। वह ऐसा इंस्टीट्यूशन प्लेसमेंट प्रोग्राम (आईपीपी) या स्टॉक एक्सचेंजों के जरिए ब्रिकी प्रस्ताव लाकर कर सकती है। सेबी के बोर्ड ने मंगलवार को अपनी बैठक मेंऔरऔर भी

वित्त मंत्रालय कोई न कोई स्कीम चलाकर निवेशकों से सामूहिक रूप से धन जुटानेवाली कंपनियों पर नियंत्रण रखने के लिए अलग नियामक संस्था बनाने पर विचार कर रहा है। इसके दायरे में स्पीक एशिया जैसी कंपनियां भी आ जाएंगी जो किसी न किसी बहाने आम लोगों को लुभाती हैं और कानूनी कमियों को फायदा उठाकर उनका धन लेकर चंपत हो जाती है। ऐसा होने जाने पर सहारा समूह भी पहले की तरफ लोगों से धन नहीं जुटाऔरऔर भी

पूंजी बाजार नियामक संस्था, सेबी ने निजी कंपनियों के मामले में केंद्रीय सतर्कता आयोग (सीवीसी) की तर्ज पर भ्रष्टाचार निरोधक इकाई के रूप में काम करने के प्रस्ताव को खारिज कर दिया है। सरकारी कंपनियों के मामले में सीवीसी भ्रष्टाचार निरोधक इकाई के रूप में काम करता है। सेबी ने अपनी पिछली बोर्ड बैठक में पेश किए गए एक ज्ञापन में यह राय जाहिर की है। भ्रष्टाचार के खिलाफ काम करने वाले अंतरराष्ट्रीय संगठन ट्रांसपैरेंसी इंटरनेशनल केऔरऔर भी

रिजर्व बैंक देश के बैंकिंग सिस्टम में पर्याप्त तरलता सुनिश्चित करने के लिए सारे उपाय करेगा। रिजर्व बैंक के गवर्नर दुव्वरि सुब्बाराव ने यह दावा किया है। लेकिन उन्होंने नकद आरक्षित अनुपात (सीआरआर) में कटौती की संभावना के बारे में कोई भी टिप्पणी करने के इनकार कर दिया। सुब्बाराव गुरुवार को कोलकाता में रिजर्व बैंक के निदेशक बोर्ड की बैठक के बाद मीडिया से बात कर रहे थे। उन्होंने कहा, “सिस्टम में या कुछ बैंकों के साथऔरऔर भी

खरबपति उद्योगपति मुकेश अंबानी की अगुवाई वाला रिलांयस इंडस्ट्रीज समूह अब वित्तीय सेवाओं के क्षेत्र में बड़े पैमाने पर उतरने की योजना बना रहा है। लेकिन वह इसके लिए गैर पारंपरिक तरीके अपना सकता है। वित्तीय सेवाओं में अभी तक मुकेश के छोटे भाई अनिल अंबानी सक्रिय हैं। बंटवारे के समय शुरूआती व्यवस्था यही थी कि कोई भाई दूसरे के कारोबारी हलके में नहीं जाएगा। लेकिन नए करार के बाद यह शर्त खत्म हो गई है। उल्लेखनीयऔरऔर भी

सार्वजनिक क्षेत्र की प्रमुख कंपनी ओएनजीसी (ऑयल एंड नेचुरल गैस कॉरपोरेशन) अगले हफ्ते 16 दिसंबर को होनेवाली अपनी बोर्ड बैठक में शेयरधारकों को बोनस शेयर देने के साथ-साथ शेयर को विभाजित करने पर विचार करेगी। कंपनी ने यह सूचना मंगलवार को स्टॉक एक्सचेंजों को दी है। इसके अलावा कंपनी का निदेशक बोर्ड आगामी एफपीओ (फॉलो-ऑन पब्लिक ऑफर) से पहले विशेष लाभांश देने पर भी विचार करेगा। कंपनी का प्रस्ताव शेयरधारकों को एक के बदले एक बोनस शेयरऔरऔर भी