भारतीय दंड संहिता या इंडियन पीनल कोड (आईपीसी) अंग्रेजों ने 1860 में बनाया था। वही कानून अभी तक लागू है। आईपीसी में पुलिस या किसी भी सरकारी अधिकारी (पब्लिक सर्वेंट) को ‘राइट टू ऑफेंस’ है, जबकि आम नागरिक को ‘राइट टू डिफेंस’ नहीं है। दूसरे शब्दों में आम आदमी अगर पुलिस द्वारा पीटे जाने पर आत्मरक्षा में उसका डंडा पकड़ता है तो यह कानून के खिलाफ है। अंग्रेजों ने अपनी सर्वोच्च सत्ता के लिए ऐसा प्रावधान कियाऔरऔर भी

आज़ादी के पहले और इतने सालों बाद भी जिन हिंदुस्तानियों ने अंग्रेज़ी को अपनाया, विकास और उन्नति का हर रास्ता उनके लिए खुल गया। बाकी लोग निर्वासित हैं। अपनी माटी को दुत्कारती यह कैसी व्यवस्था है जिसे हम ढोए चले जा रहे हैं?और भीऔर भी

ऑस्ट्रेलिया में एक दशक  में भारतीय मूल के लोगों की तादाद तिगुनी से ज्यादा हो गई। 2010 तक के आंकड़ों के अनुसार वहां भारतीय मूल के लोगों की आबादी 3.40 लाख है, जबकि वर्ष 2000 में यह 96,000 थी। इस दौरान वहां एशियाई मूल के सारे लोगों की आबादी 10.03 लाख से बढ़कर 20.01 लाख हो गई, जबकि ब्रिटिश मूल के लोगों की आबादी 12 लाख के आसपास है। वर्ष 1947 में वहां सिर्फ 0.3% ही एशियाईऔरऔर भी

रुपया शब्द की उत्पत्ति संस्कृत भाषा के शब्द ‘रौप्य’ से हुई है, जिसका अर्थ होता है, चांदी। भारतीय रुपये को हिंदी में रुपया, गुजराती में रुपयो, तेलगू व कन्नड़ में रूपई, तमिल में रुबाई और संस्कृत में रुप्यकम कहा जाता है। लेकिन बंगाली व असमिया में टका/टॉका और ओड़िया में टंका कहा जाता है। भारत की उन गिने-चुने देशों में शुमार है जिसने सबसे पहले सिक्के जारी किए। परिणामत: इसके इतिहास में अनेक मौद्रिक इकाइयों (मुद्राओं) काऔरऔर भी