लोग अक्सर सोचते हैं क्योंकि कम लोग ही ट्रेडिंग में कामयाब होते हैं इसलिए इससे पैसे कमाने की कोई बहुत ही जटिल प्रक्रिया होती होगी। तमाम दुस्साहसी लोग खुद आजमाने और जमकर घाटा खाने के बाद यह राय बनाते हैं। लेकिन हकीकत यह है कि हम समझ जाएं तो ट्रेडिंग एकदम सीधी-सरल चीज है। उलझने के लिए बहुत सारे जाल ज़रूर है। पर भाव ही सारा रहस्य खोलकर बहुत कुछ कह जाता है। अब मंगल की विजय…औरऔर भी

भावों का इतिहास और ठीक पिछले पल तक के भाव अपने आप में बहुत कुछ कह जाते हैं। उनके पीछे होती हैं हज़ारों उम्मीदें, मंसूबे, आशाएं व आशंकाएं। कुछ तार्किक तो बहुत सारी अतार्किक। इन सबके पीछे कमाने का हिसाब-किताब लगाते इंसान। जिन दिन चार्ट पर बनी आकृतियों के पीछे के इंसानों को हम सही-सही देखने में सफल हो जाते हैं, उस दिन से कामयाबी पर हमारी पकड़ कसने लगती है। अब नए हफ्ते का नया अभ्यास…औरऔर भी

आप बुरा होना पक्का माने बैठे हों, तब ऐनवक्त पर वैसा न होना आपको बल्लियों उछाल देता है। कल ऐसा ही हुआ। थोक और रिटेल मुद्रास्फीति के ज्यादा बढ़ जाने से सभी मान चुके थे कि रिजर्व बैंक ब्याज दर बढ़ा ही देगा। लेकिन उसने मौद्रिक नीति को जस का तस रहने दिया। ग्यारह बजे इसका पता लगने के तीन मिनट के भीतर निफ्टी सीधा एक फीसदी उछलकर 6225.20 पर जा पहुंचा। पकड़ते हैं आज की गति…औरऔर भी

जीवन अनिश्चितता से भरा है। किसे पता था कि रुपए को संभालने के लिए उठाए गए रिजर्व बैंक के कदम उल्टे पड़ जाएंगे और शेयर बाज़ार इस कदर टूट जाएगा। ऐसी आकस्मिकताओं के साथ हमें छोटी-छोटी समस्याओं के लिए भी तैयार रहना चाहिए। जैसे, कंप्यूटर ने काम करना बंद कर दिया या नेट कनेक्शन गड़बड़ा गया तो हम क्या करेंगे। मन ही मन इनसे मुकाबले का अभ्यास कर लेना चाहिए। अब आज के बाज़ार की दशा दिशा…औरऔर भी