निवेश की दुनिया में भारत ही नहीं, समूचे विश्व में सरकारी बांडों को सबसे सुरक्षित व रिस्क-फ्री माना जाता है। आम भारतीयों के बीच सरकारी बैंकों को भी कमोबेश यही दर्जा हासिल है। लोग सरकारी बैंकों में पैसा रखकर निश्चिंत हो जाते हैं। यही वजह है कि आज भी बैंकों की कुल जमाराशि का 70 प्रतिशत से ज्यादा हिस्सा सरकारी बैंकों का है। लेकिन देश के तीसरे और सरकारी क्षेत्र के दूसरे सबसे बड़े बैंक, पंजाब नेशनलऔरऔर भी

इस साल संसद के शीत सत्र के अंत तक सभी राज्यों में चल रही मनरेगा (महात्मा गांधी राष्ट्रीय रोजगार गारंटी योजना) के कामकाज का ऑडिट संसद के सामने रख दिया जाएगा। यह ऑडिट भारत के नियंत्रक व महालेखा परीक्षक (सीएजी) की तरफ से किया जाएगा। केन्द्रीय ग्रामीण विकास मंत्री जयराम रमेश ने सोमवार को राजधानी दिल्ली में सीएजी से मुलाकात के बाद यह घोषणा की। मीडियाकर्मियों से बातचीत करते हुए श्री रमेश ने कहा कि अक्तूबर केऔरऔर भी

एक तरफ देश के शीर्ष ऑडिटर, नियंत्रण व महालेखापरीक्षक (सीएजी) इस बात अडिग हैं कि कोयला ब्लॉकों को नीलामी के बजाय सीधे-सीधे आवंटित किए जाने से देश को 10.7 लाख करोड़ रुपए का नुकसान हुआ है, भले ही वे इसे घुमाकर कहनेवाले हों कि इससे कंपनियों को 10.7 लाख करोड़ रुपए का फायदा हुआ है, वहीं दूसरी तरफ केंद्र सरकार मामले की लीपापोती में जुटी है। केंद्रीय कोयला मंत्री श्रीप्रकाश जायसवाल तो नेपथ्य में चले गए हैं।औरऔर भी

अमेरिका में भारत के नियंत्रक व महालेखा परीक्षक (सीएजी) की तर्ज पर जीएओ नाम की संस्था काम करती है। इसे पहले जनरल एकाउंटिंग ऑफिस कहा जाता था। लेकिन साल 2002 से अमेरिकी संसद ने इसका काम व नाम बदलकर गवर्नमेंट एकाउंटेबिलिटी ऑफिस कर दिया। अमेरिका के मौजूदा महानियंत्रक जीन डोदारो हैं। वहां जीएओ प्रमुख का कार्यकाल 15 साल का है। डोदारो की नियुक्ति इस पद पर डेढ़ साल पहले हुई थी और उनका बाकी कार्यकाल करीब 13.5औरऔर भी

अभी आजाद भारत के पहले प्रधानमंत्री पंडित जवाहरलाल नेहरू के जन्मदिन समारोह को बीते दो दिन ही हुए हैं कि कांग्रेस आलाकमान और नेहरू परिवार की मुखिया सोनिया गांधी के खासमखास केंद्रीय वित्त मंत्री प्रणव मुखर्जी के देश में व्याप्त भ्रष्टाचार के लिए नेहरू द्वारा अपनाई गई नीतियों को जिम्मेदार ठहरा दिया। श्री मुखर्जी ने बुधवार को भारतीय नियंत्रक एवं महालेखा परीक्षक (सीएजी या कैग) के 150वें वर्ष के समारोह की समाप्ति पर अपने संबोधन में कहा,औरऔर भी

ग्रामीण विकास की सभी योजनाओं पर किए गए व्यय का ऑडिट कैग द्वारा कराया जाएगा। केन्द्रीय ग्रामीण विकास और पेयजल आपूर्ति व स्वच्छता मंत्री जयराम रमेश ने कहा है कि कैग के साथ व्यापक चर्चा के बाद यह सहमति बनी है। इन दोनों मंत्रालयों की सभी योजनाओं के तहत किए गए सारे खर्च का ऑडिट कैग (नियंत्रक व महालेखा परीक्षक) द्वारा की जा सकेगी। उन्होंने कहा कि इस तरह का ऑडिट केन्द्र सरकार द्वारा ग्रामीण विकास कार्यक्रमोंऔरऔर भी

संसद की लोक लेखा समिति (पीएसी) की बैठक में सोमवार को 2जी स्पेक्ट्रम घोटाले को लेकर तीखे मतभेद उठ खड़े हुए और विपक्षी दलों ने पूर्व महानिदेशक (ऑडिट) आर पी सिंह को बुलाने और उनसे यह पूछने की मांग की कि उन्होंने इस मामले में हुए नुकसान का आंकड़ा कैग (सीएजी या नियंत्रणक एवं महालेखापरीक्षक) के आंकड़े से अलग क्यों बताया। कांग्रेस सदस्यों ने इस मांग का विरोध किया। मतभेद जारी रहने के कारण लोक लेखा समितिऔरऔर भी

वित्त मंत्री प्रणव मुखर्जी ने बुधवार को कैग (नियंत्रक व महा-लेखापरीक्षक) का बचाव करते हुए कहा कि महा-लेखापरीक्षक ने विभिन्न घोटालों पर जारी अपनी रिपोर्ट में अपने अधिकार क्षेत्र का अतिक्रमण नहीं किया। राजधानी दिल्ली में आर्थिक संपादकों के सम्मेलन में एक सवाल के जवाब में मुखर्जी ने कहा कि मैं यह स्पष्ट करना चाहता हूं कि मुझे नहीं लगता कि कैग ने अपने अधिकार क्षेत्र का अतिक्रमण अथवा ऐसा कुछ किया है, क्योंकि कैग की बुनियादीऔरऔर भी

अपनी ऑडिट रिपोर्टों से देश की राजनीति में तहलका मचानेवाले कैग (भारत के नियंत्रक व महालेखापरीक्षक) की पहुंच अब संयुक्त राष्ट्र के दो प्रमुख संगठनों तक भी हो गई है। विएना मुख्यालय वाली अंतरराष्ट्रीय परमाणु ऊर्जा एजेंसी (आईएईए) और जेनेवा मुख्यालय वाले विश्व बौद्धिक संपदा संगठन (डब्ल्यूआईपीओ) ने कैग को अपना बाहरी ऑडिटर नियुक्त किया है। यह नियुक्ति छह साल के लिए है। इन दोनों ही संगठनों पर अभी तक पारंपरिक रूप से विकसित देशों का कब्जाऔरऔर भी

नियंत्रक व महालेखापरीक्षक (कैग) ने कृष्णा गोदावरी बेसिन में पूरा का पूरा डी-6 ब्लॉक रिलायंस इंडस्ट्रीज के पास छोड़ने के लिए पेट्रोलियम व प्राकृतिक गैस मंत्रालय की खिंचाई की है और कहा है कि यह कंपनी के साथ उत्पादन में हिस्सेदारी के अनुबंध (पीएससी) के विरुद्ध है। यह बातें कैग ने हाइड्रोकार्बन पीएससी पर गुरुवार को संसद को सौंपी अपनी अंतिम रिपोर्ट में कही हैं। लेकिन इसमें डी-6 ब्लॉक पर रिलायंस द्वारा 2004 के प्रस्तावित 2.4 अरबऔरऔर भी