धीरे-धीरे बजट की कलई उतर रही है और सारी दुनिया को समझ में आ रहा है कि वो कितना और क्यों बुरा है। बजट में सबसे खतरनाक प्रावधान जीएएआर (जनरल एंटी एवॉयडेंस रूल) का है जो कहीं न कहीं मानकर चलता है कि हर करदाता करचोर है और इसलिए उसे सज़ा दी जानी चाहिए। आयकर विभाग को फिलहाल जिस तरह की अंधाधुंध सत्ता मिली हुई है, उसमें लोगों को खामखां परेशान करने और भ्रष्टाचार के मामले इससेऔरऔर भी

शेयर तो हर कोई, जिसके पास भी डीमैट खाता है, आसानी से खरीद सकता है। लेकिन शेयरों से कमाई वही कर पाता है जो सही वक्त पर उन्हें बेच लेता है। ज्यादातर लोग तो हाथ ही मलते रह जाते हैं कि उस समय कितने टॉप पर गया था मेरा शेयर। काश, उस समय बेच लिया होता! मुश्किल यह है कि खरीदने की सलाह तो जगह-जगह से मिल जाती है। ब्रोकरों से लेकर हॉट टिप्स बांटनेवाली वेबसाइट्स औरऔरऔर भी

सुबह बाजार खुलने पर धीमी गिरावट चल रही थी कि दस बजे के आसपास एक बिजनेस चैनल ने खबर चला दी कि सरकार मॉरीशस से साथ टैक्स-संधि पर पुनर्विचार कर रही है और मॉरीशस से भारत में हुए निवेश पर कैपिटल गेन्स टैक्स लगाया जा सकता है। फिर क्या था! बाजार खटाक से 3 फीसदी नीचे गिर गया। खबर आते ही तमाम शेयरों पर हमला शुरू हो गया भले ही उनमें मॉरीशस के जरिए आया धन लगाऔरऔर भी

आप शेयरों या म्यूचुअल फंड में निवेश करने के 365 दिन या साल भर बाद उसे बेचकर जो भी कमाई करते हैं, उस पर कोई टैक्स नहीं लगता। एक तो साल भर के बाद इस निवेश को लांग टर्म माना जाता है और लांग टर्म कैपिटल गेन्स टैक्स की दर इस समय ज़ीरो है। दूसरे इससे जो भी लाभ होगा, उस पर आप सिक्यूरिटीज ट्रांजैक्शन टैक्स दे चुके होते हैं। फिर आप ने यह धन जोखिम उठाकरऔरऔर भी