15 मार्च 2012, चालू वित्त वर्ष 2011-12 की अंतिम तिमाही में एडवांस टैक्स की आखिरी किश्त देने की आखिरी तारीख। केंद्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड (सीबीडीटी) तो कई दिन बाद पूरे आंकड़े जारी करता है। लेकिन देश की आर्थिक राजधानी मुंबई से मिले शुरुआती संकेतों से पता चला है कि कॉरपोरेट क्षेत्र में ज्यादा टैक्स नहीं भरा है। जिन्होंने दिया है, उनमें बैंकिंग व बीमा कंपनियां सबसे आगे हैं। देश के सबसे बड़े बैंक, भारतीय स्टेट बैंक (एसबीआई)औरऔर भी

केंद्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड (सीबीडीटी) ने आयकर विभाग को निर्देश दिया है कि वह ऐसे लोगों द्वारा किए गए निवेश, जमा और बड़े खर्चों की खासतौर पर जांच करे, जो आयकर नहीं देते या इन सौदों को करते वक्त जिन्होंने अपने पैन नंबर नहीं दिए हैं। निर्देश के मुताबिक आयकर विभाग इसके लिए 20 जनवरी से 20 मार्च तक विशेष अभियान चलाएगा। विशेष अभियान के तहत आकर अधिकारी बड़ी रकम का लेनदेन करने वालों के परिसरों काऔरऔर भी

प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) देश की सबसे बड़ी मोबाइल सेवा कंपनी भारती एयरटेल के खिलाफ विदेशी मुद्रा कानून, फेमा के उल्लंघन की जांच कर रहा है। यह जानकारी वित्त राज्यमत्री नमो नारायण मीणा ने मंगलवार को राज्यसभा में एक लिखित उत्तर में दी। उन्होंने बताया कि पूंजी बाजार नियामक संस्था, सेबी को भी शिकायतें मिली हैं कि भारती एयरटेल में प्रवर्तक समूह की शेयरधारिता 30 जून 2007 से 30 सितंबर 2008 के बीच 60.91 फीसदी से बढ़ाकर 67.15औरऔर भी

हमारा कॉरपोरेट क्षेत्र और उसके शीर्ष संगठन – सीआईआई, फिक्की व एसोचैम से लेकर अलग-अलग उद्योंगों के संगठन अमूमन हर सरकारी नीति पर टांग अड़ाने में माहिर हैं। नीतियों को अपने पक्ष में मोड़ने के लिए जमीन-आसमान एक कर देते हैं। लेकिन धन के अंबार पर बैठी इन कंपनियों कोई फिक्र नहीं कि कालेधन की विकराल समस्या को कैसे हल किया जाए। केंद्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड (सीबीडीटी) ने अपने चेयरमैन की अध्यक्षता में इस साल 27 मईऔरऔर भी

इस समय देश में आयकर विभाग के कुल 53,000 पदों में से लगभग 22 फीसदी खाली पड़े हैं। यह संख्या 11,500 के आसपास बनती है। ऐसा तब हो रहा है जब काले धन का शोर उठा हुआ है और सरकार कर-चोरी को रोकने के दावे कर रही है। सीएजी की रिपोर्ट के मुताबिक 2010-11 में अटके हुए टैक्स की रकम 2.63 लाख करोड़ रुपए रही है। आयकर विभाग खाली पदों को भरने के लिए केंद्रीय प्रत्यक्ष करऔरऔर भी

केंद्र सरकार अपने आर्थिक खुफिया तंत्र को और भी चौकस बनाने में जुट गई है। इस सिलसिले में सेंट्रल इकनॉमिक इंटेलिजेंस ब्यूरो (सीईआईबी) की भूमिका, कामकाज व सांगठनिक ढांचे की समीक्षा के लिए बनाई गई समिति ने सोमवार को अपनी रिपोर्ट वित्त मंत्री प्रणव मुखर्जी को सौंप दी। इस समिति का गठन मार्च 2011 में केंद्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड (सीबीडीटी) के पूर्व सदस्य एस एस खान की अध्यक्षता में किया गया था। समिति ने करीब तीन महीनेऔरऔर भी

पूंजी बाजार नियामक संस्था, सेबी द्वारा सहारा समूह की दो कंपनियों – सहारा इंडिया रीयल एस्टेट कॉरपोरेशन और सहारा हाउसिंग इनवेस्टमेंट कॉरपोरेशन के खिलाफ सुनाया गया आदेश 66 लाख निवेशकों को ब्याज समेत उनका धन लौटाने तक सीमित नहीं है, बल्कि इसमें समूह और उसके मुखिया सुब्रत रॉय के कामकाज पर गंभीर सवाल उठाए गए हैं और अंदेशा जताया गया है कि इन कंपनियों में बड़े पैमाने पर मनी लॉन्डिंग हो रही है। सेबी के पूर्णकालिक निदेशकऔरऔर भी

कालेधन के मुद्दे पर भूख हड़ताल करने की बाबा रामदेव की चेतावनी के बीच आयकर विभाग ने कहा है कि वह काली कमाई के रुप में विदेश छुपाए गए देश के धन को निकलवाने के बारे में योगगुरु के सुझावों पर विचार करने को तैयार है। बाबा रामदेव ने कालेधन और भ्रष्टाचार के मुद्दे पर 4 जून से भूख हड़ताल पर जाने की चेतावनी दे रखी है। केन्द्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड (सीबीडीटी) के चेयरमैन सुधीर चन्द्रा नेऔरऔर भी

मॉरीशस ने बैंकिंग सूचनाओं के आदान-प्रदान के लिए बढ़ते ‘दबाव’ के बीच भारत को पहली बार कर चोरी की जांच में घिरे एक व्यक्ति के बैंक खातों में हुए लेनदेन की जानकारी उपलब्ध कराई हैं। आयकर विभाग इस व्यक्ति के खिलाफ कर चोरी व मनी लॉन्ड्रिंग के आरोपों की जांच कर रहा है। सरकार के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया, ‘‘उन्होंने (मॉरीशस के अधिकारियों ने) एक व्यक्ति से जुड़ी सूचना उपलब्ध कराई है। इस व्यक्ति ने वहांऔरऔर भी