सोमवार को महाशिवरात्रि की छुट्टी। बाजार मंगलवार को खुलेगा। डेरिवेटिव सौदों का सेटलमेंट इसके दो दिन बाद गुरुवार 23 फरवरी को पूरा होगा। इस तरह रोलओवर के लिए मंगलवार को मिलाकर तीन दिन ही बचे हैं। सिद्धांत कहता है कि बीते हफ्ते जिस तरह बाजार 3 फीसदी बढ़ा है, उसमें अब करेक्शन आना चाहिए। लेकिन भारतीय बाजार का व्यवहार कहता है कि गुरुवार तक ऐसा होने के आसार नहीं है। कुछ जानकारों का कहना है कि शुक्रवारऔरऔर भी

अर्थव्यवस्था पर नजर रखनेवाली प्रमुख शोध संस्था सेंटर फॉर मॉनिटरिंग इंडियन इकनॉमी (सीएमआईई) का आकलन है कि मानसून खत्म होने के बाद निर्माण गतिविधियों में तेजी आएगी जिससे सीमेंट की कीमतों में तेजी आ सकती है। सीएमआईई ने अपनी मासिक समीक्षा में कहा है कि मानसून के बाद निर्माण गतिविधियों में तेजी की संभावना है। इससे सीमेंट की मांग बढ़ सकती है। नतीजतन सीमेंट की कीमत चढ़ेगी। रिपोर्ट के अनुसार मई के बाद मांग नरम पड़ने सेऔरऔर भी

अमेरिका ने संकट पैदा किया था और अमेरिका ही इलाज कर रहा है। वहां के केंद्रीय बैंक फेडरल रिजर्व ने तय किया है कि वह कम से कम दो साल तक ब्याज दरों को शून्य के आसपास बनाए रखेगा। दूसरे, तीसरी क्वांटिटेटिव ईजिंग (क्यूई-3) के आसार बढ़ गए हैं। इन दोनों ही चीजों ने अमेरिका समेत दुनिया भर के बाजारों में राहत का भाव भर दिया। सो दुनिया के बाजार बढ़े तो भारतीय बाजार भी बढ़ गया।औरऔर भी

साल 2008 और 2009 में बाजार लेहमान संकट की भेंट चढ़ गया। अब 2011 पर यूरोप व अमेरिका का ऋण संकट मंडरा रहा है। अमेरिका की आर्थिक विकास दर के अनुमान को घटाकर 1 फीसदी कर दिया गया है। अमेरिका के इतिहास में यह भी पहली बार हुआ कि स्टैंडर्ड एंड पुअर्स ने शनिवार को उसकी रेटिंग एएए के सर्वोच्च स्तर से घटाकर एए+ कर दी और आगे एए भी कर सकती है। हालांकि अमेरिकी वित्त मंत्रालयऔरऔर भी

पिछले दो साल में भवन निर्माण की लागत 18 फीसदी बढ़ गई है। यह कहना है रीयल एस्टेट क्षेत्र पर नजर रखने वाली ऑनलाइन डाटा व विश्लेषण फर्म प्रॉपइक्विटी का। इससे रीयल एस्टेट के कामकाज पर प्रतिकूल असर पड़ेगा। प्रोपइक्विटी के एक अध्ययन मुताबिक 2009 से 2011 के बीच सीमेंट, स्टील, मजदूरी और ईंट जैसी चार प्रमुख चीजों के महंगा होने से निर्माण लागत में कुल 18 फीसदी वृद्धि हो गई है। इस तरह लागत बढ़ जानेऔरऔर भी

बिड़ला कॉरपोरेशन को भले ही एम पी बिड़ला समूह की फ्लैगशिप कंपनी कहा जाए। लेकिन हकीकत में वह आर एस लोढ़ा के दिवंगत हो जाने के बाद पूरी तरह उनके बेटों हर्ष व आदित्य लोढ़ा के नियंत्रण में है। माधव प्रसाद बिड़ला ने यह कंपनी 1919 में बनाई थी। उनके मरने के बाद इसका मालिकाना उनकी विधवा प्रियंवदा के हाथ में आ गया है। निःसंतान प्रियंवदा ने वसीयत अपने चार्टर्ड एकाउंटेंट आर एस लोढ़ा के नाम लिखऔरऔर भी

कुर्सी पकड़ते ही कुर्सी आपको जकड़ लेती है। उससे निकली लौह-लताएं आपको लपेट लेती हैं। आप इंसान से सत्ता के पुर्जे बन जाते हो और आपकी चमडी सीमेंट जैसी सख्त व संवेदनहीन हो जाती है।और भीऔर भी

जुआरी इंडस्ट्रीज का शेयर कल बीएसई (कोड – 500780) में 2.50 फीसदी गिरकर 689.05 रुपए और एनएसई (कोड – ZUARIAGRO) में 2.78 फीसदी गिरकर 689.90 रुपए पर बंद हुआ है। कंपनी का ठीक पिछले बारह महीनों का ईपीएस (प्रति शेयर लाभ) 52.48 रुपए है और इस हिसाब से उसका शेयर 13.13 के पी/ई अनुपात पर ट्रेड हो रहा है। शेयर की बुक वैल्यू 400.14 रुपए है। बी ग्रुप का शेयर है। कल बीएसई में इसमें औसत सेऔरऔर भी

बहुत से निवेशक अभी तक मार्क टू मार्केट के दबाव और विशेषज्ञों की सलाहों के आगे घुटने टेक चुके हैं और बाजार से बहुत कुछ बेच-बाच कर निकल गए हैं। ब्रोकर उन्हें अब भी समझा रहे हैं कि हर बढ़त उनके लिए राहत का मौका है और ऐसे हर मौके पर उन्हें बेचकर निकल लेना चाहिए। अच्छा है क्योंकि आपका इम्तिहान चल रहा है। अब, ऐसा तो नहीं हो सकता कि आप हर बार उम्मीद करें किऔरऔर भी

बाजार (सेंसेक्स) खुला मुहूर्त से करीब 37 अंक बढ़कर, मगर बंद हुआ 152.58 अंक की गिरावट के साथ 20,852.38 पर जाकर। लेकिन घबराने की कोई बात नहीं। यह सब कुछ नहीं, बस मछली पकड़ने के जाल जैसा काम है। जाल को नीचे तक ले जाओ ताकि और मछलियां पकड़ में आ जाएं। बाजार अब पूरी तरह नियंत्रण में है और उतार-चढ़ाव इसलिए लाए जा रहे हैं ताकि आप यहां से वहां तक झूल, या कहें तो झूमऔरऔर भी