दुनिया के बाजार जापान की बात बिसूर चुके हैं, जबकि भारतीय बाजार अब भी अपनी लय पकड़ने की जद्दोजहद में लगा है। यह दिखाता है कि भारत की गति दुनिया से भिन्न है। विश्व बाजार से भारत के असंपृक्त या जुदा होने और पूरी तरह समाहित होने के दोनों ही सिद्धांत गलत साबित हो चुके हैं। असल में भारत में एक ही सिद्धांत चलता है और वह है गठजोड़ का सिद्धांत। यहां गठजोड़ से सरकार चलती है।औरऔर भी