यूरोप के मसले ने उन सभी निवेशकों व ट्रेडरों को चरका दे दिया जो उस बहस और शॉर्ट सेलिंग करते रहे। निफ्टी 4700 से सुधरता हुआ 5350 तक आ चुका है और अब 5500 के पार जाने को तैयार है। इसके आसपास पहुंचते ही टेक्निकल एनालिसिस के हिसाब से एफआईआई खरीद की भंगिमा अपना लेंगे क्योंकि 200 डीएमए (200 दिनों के मूविंग औसत) अभी 5406 है और बाजार के इसके ऊपर जाने पर आप शॉर्ट नहीं रहऔरऔर भी

तिहाड़ जेल में बंद पूर्व टेलिकॉम मंत्री ए राजा ने 2जी स्पेक्ट्रम घोटाले में प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह और गृह मंत्री पी चिदंबरम को भी लपेटा है। राजा ने कहा है कि स्पेक्ट्रम की ब्रिकी को प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह की मौजूदगी में मंजूरी दी गई थी। उन्होंने यह भी कहा कि डीबी रियल्टी को स्पेक्ट्रम बेचने की मंजूरी तत्कालीन वित्त मंत्री पी चिदंबरम ने भी दी थी। इस बीच जहां प्रमुख विपक्षी दल बीजेपी ने जहां सरकार परऔरऔर भी

एक तरफ रीयल एस्टेट कंपनी डीबी रीयल्टी किसी भी टेलिकॉम कंपनी के साथ रिश्ते तक से इनकार के बयान दे रही है, दूसरी तरफ प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) 2जी स्पेक्ट्रम घोटाले के सिलसिले में उसकी 200 करोड़ रुपए मूल्य की संपत्तियों को जब्त करने पर विचार कर रहा है। केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) ने उससे मनी लांड्रिंग निरोधक कानून (पीएमएलए) के तहत इस कार्रवाई की मांग की है। मामले की जानकारी रखने वाले एक अधिकारी ने कहा किऔरऔर भी

सीबीआई ने दावा किया है कि कलैगनर टीवी में 200 करोड़ रुपए के अवैध हस्तांतरण को ढकने के लिए 2जी स्पेक्ट्रम आवंटन घोटाले में एफआईआर दर्ज किए जाने के बाद करार किया गया और पूर्व संचार मंत्री ए राजा के इस्तीफे के बाद धन को इसके मूल स्रोत को लौटा दिया गया। सीबीआई ने डीबी रीयल्टी के एक एकाउंटेंट और सिनेयुग फिल्म्स प्रा. लि. के निदेशक के बयानों के आधार पर यह दावा किया है। इसके मुताबिकऔरऔर भी

केंद्रीय कृषि मंत्री शरद पवार ने 2जी स्पेक्ट्रम घोटाले के सिलसिले में गिरफ्तार किए गए डीबी रीयल्टी के प्रबंध निदेशक शाहिद उस्मान बलवा के साथ संबंधों से इनकार किया है। उन्होंने मीडिया में इस बाबत आई खबरों को निराधार बताया है। एनसीपी नेता ने दिल्ली में शुक्रवार को संवाददाताओं से कहा, ‘‘मैंने मीडिया की खबरों को पढ़ा है। उनके मुताबिक वह 32 साल का है और मैं 70 का। वह कैसे मेरा दोस्त हो सकता है। आपकोऔरऔर भी

मुद्रास्फीति का मुद्दा सुलझ गया। मिस्र का गुबार थमता नजर आ रहा है। अब बचा भ्रष्टाचार और रिश्वतखोरी का मसला तो वह भी 31 मार्च 2011 तक किनारे लग जाएगा क्योंकि तब तक इस पर एफआईआर दाखिल हो चुकी होगी। जहां तक कंपनियों के शीर्ष अधिकारियों और संबंधित लोगों की गिरफ्तारी की बात है तो बाजार को इसकी परवाह क्यों करनी चाहिए? यह जानामाना सच है कि कॉरपोरेट क्षेत्र के बहुत से लोगों की मिलीभगत राजनेताओं केऔरऔर भी

बुधवार को बिना किसी ठोस वजह के अफवाहों के दम पर अनिल अंबानी समूह की सभी कंपनियों के शेयरों पर जबरदस्त हमला किया गया। रिलायंस इंफ्रास्ट्रक्चर को एक समय 25.14 फीसदी गिराकर साल के नए न्यूनतम स्तर 492.85 रुपए पर पहुंचा दिया गया। हालांकि वो बंद हुआ 18.79 फीसदी की गिरावट के साथ 534.70 रुपए पर। अभी कल मंगलवार तक यह शेयर 658.40 रुपए पर था और आज दिन में ऊपर 666 रुपए तक चला गया था।औरऔर भी

हाउसिंग लोन घोटाले में सीबीआई ने 17 कंपनियों को नोटिस भेजा है। इनमें से पांच कंपनियों के बारे में सीबीआई का कहना है कि इन्होंने बैंक अधिकारियों को घूस देकर हासिल करीब 1000 करोड़ रुपए के कर्ज की रकम शेयर बाजार में लगा दी। दो प्रमुख बिजनेस चैनलों ने सूत्रों के हवाले यह खबर दी है। उनका कहना है कि इसमें से एक कंपनी ने 560 करोड़, दूसरी ने 300 करोड़ और बाकी तीन ने 50-60 करोड़औरऔर भी