हम ऋण लेते हैं तो वह हमारे लिए बोझ या देनदारी होता है। मशहूर कहावत भी है कि अगर हमें बैंक को 100 रुपए लौटाने हैं तो यह हमारी समस्या है, लेकिन हमें अगर 100 करोड़ लौटाने हैं तो यह बैंक की समस्या है। दरअसल, बैंक जब ऋण देता है, तब वह उसके लिए आस्ति होती है क्योंकि मूलधन समेत उस पर मिला ब्याज़ ही उसकी कमाई का मुख्य ज़रिया है। इन ऋणों की वापसी अटक जाएऔरऔर भी

कॉरपोरेट कार्य मंत्रालय ने देश की 1,55,392 कंपनियों को ब्लैक-लिस्ट कर दिया है। इसकी वजह यह है कि इन कंपनियों ने 2006-07 से लेकर अब तक किसी साल की बैलेंस शीट दाखिल नहीं की है। सरकार के इस कदम के बाद ये कंपनियां न तो बैंकों या वित्तीय संस्थाओं के कोई ऋण ले पाएंगी और न ही किसी के साथ कोई नया अनुबंध कर पाएंगी। यह जानकारी खुद कॉरपोरेट कार्य मंत्रालय के सचिव डी के मित्तल नेऔरऔर भी