रिश्वत के बोल, लेकिन वोट अनमोल
2019-04-07
बंद है मुठ्ठी तो लाख की, खुल गई तो फिर खाक की। उंगली पर जब तक काली स्याही का निशान न लगे, तब तक सरकार में बैठी और उससे बाहर की पार्टियां उसकी कीमत लगा रही हैं। एक बार निशान लग गया, फिर पांच साल तक कौन पूछनेवाला! अभी गिनने को है कि 90 करोड़ मतदाता, जिसमें से 50 करोड़ युवा मतदाता और उसमें से भी 15 करोड़ ऐसे जिन्होंने पिछले पांच सालों में मतदाता बनने काऔरऔर भी