पानी हमेशा नीचे भागता है तो इंसान ज्यादा फायदे की तरफ भागता है। इसीलिए नए से नया ट्रेडर भी ऑप्शंस व फ्यूचर्स में ही हाथ आजमाना चाहता है, वो भी निफ्टी के इन डेरिवेटिव्स में। मोटामोटी समझ लें कि भविष्य की अनिश्चितता को नांथने के लिए कंपनियां या व्यवसायी डेरिवेटिव्स से हेजिंग करते हैं। पर उनका रिस्क संभालते हैं ट्रेडर या सटोरिए। उनके रिस्क का सारा बोझ हम उठाते हैं। अब करते हैं नए हफ्ते का आगाज़…औरऔर भी

एग्जिट पोल के नतीजे शाम 6.30 बजे से आना शुरू हुए। लेकिन बाज़ार को इससे तीन घंटे पहले ही इन नतीजों का आभास मिल गया था और सेंसेक्स व निफ्टी दोनों ही नए ऐतिहासिक शिखर पर पहुंच गए। यह शुद्ध सट्टेबाज़ी का असर है या एग्जिट पोल के नतीजे न्यूज़ चैनलों ने पहले ही बाज़ार को लीक कर दिए, पूंजी बाज़ार नियामक संस्था, सेबी इसकी जांच कर रही है। इस भयंकर सट्टेबाज़ी के मद्देनज़र देखते हैं बाज़ार…औरऔर भी

लोकतंत्र और बाज़ार में सारा खेल नंबरों का है। बड़ी-बड़ी बातें और भावुक फेंकमबाज़ी फालतू है। कांग्रेस भ्रष्ट। बीजेपी भी खिलाड़ी। दोनों को कर्णाटक में लोगों से वोट दिए। लेकिन 37% पाकर कांग्रेस जीत गई, जबकि बीजेपी व उससे छिटके दोनों दल कुल सूत भर कम वोट पाकर हार गए। बाज़ार में भी सूत भर का अंतर चलता है। डिमांड ज्यादा कि सप्लाई? हां, यहां भाव और मूल्य का अंतर भी अहम है। अभी आज का बाज़ार…औरऔर भी