जापान अब मार्च में आए भूकंप के असर से उबर गया लगता है। अभी सितंबर में बीती इस साल की तीसरी तिमाही में जापान की अर्थव्यवस्था में सुधार हुआ है। जापान सरकार के आधिकारिक आंकड़ों के मुताबिक जुलाई-सितंबर 2011 में जीडीपी (सकल घरेलू उत्पाद) की विकास दर 6 फीसदी रही है। हालांकि इसकी उम्मीद अर्थशास्त्रियों को पहले से थे। समाचार एजेंसी ब्लूमबर्ग की तरफ से किए गए सर्वेक्षण में 26 अर्थशास्त्रियों ने सितंबर तिमाही में जापान केऔरऔर भी

हमारी 57% जमीन भूकंप के प्रति संवेदनशील ज़ोन में आती है और देश की दो-तिहाई आबादी इन्हीं इलाकों में रहती है। देश के 27 शहरों की आबादी दस लाख या इससे अधिक है और हमारी कुल शहरी आबादी का करीब 25% हिस्सा इन्हीं शहरों में रहता है। पिछले कुछ सालों में सामाजिक-आर्थिक वजहों से शहरों पर बोझ बढ़ता गया है। पृथ्वी विज्ञान मंत्री विलासराव देशमुख का कहना है कि भूकंप के खतरों को कम करने के प्रयासऔरऔर भी

विश्व बैंक ने चीन की आर्थिक वृद्धि दर इस साल 9.3 फीसदी रहने का अनुमान जताया है जबकि पहले इसके 8.7 फीसदी रहने की बात कही गई थी। विश्व बैंक ने बीते नवंबर में जारी तिमाही रिपोर्ट में चीन की आर्थिक वृद्धि दर 2011 में 8.7 फीसदी रहने अनुमान जताया था। लेकिन नई रिपोर्ट में साम्यवादी देश की आर्थिक वृद्धि 9.3 फीसदी रहने की बात कही गई है। चीन की अर्थव्यवस्था के नियमित आकलन में विश्व बैंकऔरऔर भी

टाटा केमिकल्स इतने सारे रसायन बनाती है कि आम जनजीवन, खेती-किसानी और उद्योग तक इससे अछूते नहीं हैं। उर्वरक से लेकर नमक, सोडा एश, सीमेंट व बायोडीजल तक। चर्चा है कि उसे जापान से नमक का बड़ा ऑर्डर मिलनेवाला है। इस समय भूकंप व सुनामी से तबाह जापान के तमाम इलाकों में रूह कंपा देनेवाली ठंड पड़ रही है। जापान को अभी भारी मात्रा में नमक चाहिए। लेकिन उसके पास नमक के अपने स्रोत खत्म होने लगेऔरऔर भी

जापान में भयंकर भूकंप और सुनामी से जानमाल का भारी नुकसान हुआ है और इसमें सारी दुनिया से जापान को सहयोग व मदद मिलनी चाहिए। हालांकि जापान सरकार ने जिस तरह राहत व बचाव के लिए खटाक से 18,600 करोड़ डॉलर निकाल लिए हैं, वो वाकई सराहनीय कदम है। मुझे इसमें कोई संदेह नहीं कि जापान इस संकट से उबर जाएगा, भले ही इसमें थोड़ा वक्त लगे और उसे तकलीफ उठानी पड़े। असल में जापान में पुनर्निर्माणऔरऔर भी

शुक्रवार को आए शक्तिशाली भूकंप और सुनामी से भयंकर आपदा में फंसे जापान का संकट आज, सोमवार को तब और गहरा गया जब फुकुशिमा परमाणु संयंत्र में एक हाइड्रोजन विस्फोट हो गया। विस्फोट में तीन लोगों के घायल होने की खबर है। समाचार एजेंसी क्योदो के मुताबिक मुख्य कैबिनेट सचिव युकियो एदानो ने कहा कि संयंत्र का परिचालन करने वाली कंपनी टोक्यो इलेक्ट्रिक पावर कापरेरेशन (टेप्को) ने विस्फोट की पुष्टि की है। विस्फोट से संयंत्र के कंटेनरऔरऔर भी

जापान के फुकुशिमा परमाणु बिजली संयंत्र के तीसरे रिएक्टर में भी कूलिंग सिस्टम ने काम करना बंद कर दिया है। उसमें भीतर से दबाव बढ़ने लगा है और वहां कभी भी विस्फोट हो सकता है। इस तरह का अंदेशा जापान के मुख्य कैबिनेट सचिव युकिओ एडानो और संयंत्र के ऑपरेटर ने जताया है। युकिओ एडानो ने रविवार को टोक्यो में दिए गए बयान में कहा कि भारी भूकंप से क्षतिग्रस्त हुए न्यूक्लियर रिएक्टर वाली इमारत में हाइड्रोडनऔरऔर भी