हर कोई अपनी ज़िंदगी जीने को स्वतंत्र है। लेकिन जैसे ही आप देश या समाज की सामूहिक जिम्मेदारी संभालते हैं, आपकी निजता खत्म हो जाती है, अपने निजत्व को निर्वासित करना पड़ता है।और भीऔर भी