ख्वाब देखें बड़ा। लेकिन बोलें छोटा। होता यह है कि ज्यादातर लोग सपने तो छोटे देखते हैं, पर बोलते हैं बढ़ा-चढ़ाकर। झूठे गुरूर में डूबे ऐसे लोगों को पता ही नहीं चलता कि वे कब जगहंसाई के पात्र बन गए।और भीऔर भी