सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों को नई पूंजी उपलब्ध कराने पर तस्वीर जून अंत साफ हो जायेगी। बैंकों को अपने बिजनेस के बढ़ने के साथ-साथ पूंजी पर्याप्तता अनुपात (सीएआर) के मानक को पूरा करने के लिए बराबर पूंजी बढ़ाते रहने की जरूरत होती है और प्रमुख शेयरधारक होने के नाते में उनमें पूंजी निवेश बढ़ाना सरकार की मजबूरी है। वित्तीय सेवाओं के सचिव डी के मित्तल ने सोमवार को दिल्ली में एक समारोह के दौरान कहा, ‘‘मई अंत अथवाऔरऔर भी

खरबपति उद्योगपति मुकेश अंबानी की अगुवाई वाला रिलांयस इंडस्ट्रीज समूह अब वित्तीय सेवाओं के क्षेत्र में बड़े पैमाने पर उतरने की योजना बना रहा है। लेकिन वह इसके लिए गैर पारंपरिक तरीके अपना सकता है। वित्तीय सेवाओं में अभी तक मुकेश के छोटे भाई अनिल अंबानी सक्रिय हैं। बंटवारे के समय शुरूआती व्यवस्था यही थी कि कोई भाई दूसरे के कारोबारी हलके में नहीं जाएगा। लेकिन नए करार के बाद यह शर्त खत्म हो गई है। उल्लेखनीयऔरऔर भी

देश में वित्तीय समावेश की स्थिति पहले से बेहतर हो गई है। पांच साल पहले 35 फीसदी भारतीय घरों तक ही बैंकिंग सेवाओं की पहुंच थी। लेकिन अब यह 47 फीसदी हो गई है और अगले पांच साल में देश के 80 फीसदी घरों तक हमारी बैंकिंग सेवाओं का नेटवर्क पहुंच जाएगा। यह दावा प्रमुख उद्योग संगठन सीआईआई (कनफेडरेशन ऑफ इंडियन इंडस्ट्री) और बोस्टन कंसल्टेंसी ग्रुप (बीसीजी) की साझा अध्ययन रिपोर्ट में किया गया है। इस रिपोर्टऔरऔर भी