निफ्टी सुबह के सत्र में 200 दिनों के मूविंग औसत (डीएमए) को पार नहीं कर पाया तो अधिकांश ट्रेडर शॉर्ट हो गए। लेकिन दो बजते-बजते बाजार ने कल जैसी चाल दिखानी शुरू कर दी और बहुत तेजी से कल के उच्च स्तर को मात देता हुआ 5244.60 तक बढ़ गया। आखिर में 0.70 फीसदी की बढ़त से साथ 5235.70 पर बंद हुआ है। इस बढ़त में ट्रेडरों के रुख बदलने का भी योगदान रहा क्योंकि ढाई बजेऔरऔर भी

मंदी का बाजार हमेशा मरे हुए स्टॉक्स में भी जान देता है और तेजी के बाजार से भी ज्यादा तेजी का सबब बन जाता है क्योंकि ऑपरेटर व फंड नहीं जानते कि बाजार का रुख कब पलट जाए तो हमेशा हड़बड़ी में रहते हैं। दूसरी तरफ तेजी का बाजार आपको हमेशा एक धीमा पैटर्न देता है जो अंडमान-निकोबार की यात्रा जैसा बोरिंग होता है क्योंकि यहां निवेशक नोट बनाने की हड़बड़ी में होते हैं, जबकि ऑपरेटरों वऔरऔर भी

कर्मचारी भविष्य निधि कोष संगठन (ईपीएफओ) के नए कोष प्रबंधकों की नियुक्ति पर फैसला नहीं हो पाने के बीच संगठन ने तय किया है कि फिलहाल अगले तीन महीने तक भारतीय स्टेट बैंक (एसबीआई) अकेले ही 3.5 लाख करोड़ रुपए के भविष्य निधि कोष का प्रबंधन देखेगा। राजधानी दिल्ली में बुधवार को भविष्य निधि संगठन के ट्रस्टियों की हुई बैठक में इस प्रस्ताव को खारिज कर दिया गया कि मौजूदा तीन अन्य कोष प्रबंधकों, आईसीआईसीआई प्रूडेंशियल, एचएसबीसीऔरऔर भी

बाजार सुरक्षित हाथों में है। कृपया चिंता करना छोड़ दें। इस सेटलमेंट में जिन स्टॉक्स में तेजी का दम रहेगा, वे हैं – आरआईएल, आईएफसीआई, आईडीबीआई बैंक, सेंचुरी टेक्सटाइल्स, एचडीआईएल, यूनिटेक, डीएलएफ, टाटा मोटर्स, टाटा स्टील और ऑर्किड केमिकल्स। इन पर सेटलमेंट के आखिरी दिन गुरुवार का असर आप 30 दिसंबर 2010 को देखिएगा। एनएवी (शुद्ध आस्ति मूल्य) का दिन 31 दिसंबर 2010 है क्योंकि तमाम म्यूचुअल फंड अब भी एनएवी के लिए कैलेंडर वर्ष का इस्तेमालऔरऔर भी

।।किशोर ओस्तवाल।। हमारे शेयर बाजार में रिटेल निवेशकों को झांसा देने का काम आज से नहीं, दसियों साल से हो रहा है। यही वजह है कि देश के सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) का 35 फीसदी हिस्सा अब भी बचत के रूप में किनारे पड़ा हुआ है। क्यों? इसलिए कि रिटेल निवेशकों का पूंजी बाजार से भरोसा उठ गया है। सवाल उठता है कि रिटेल निवेशकों की यह हालत क्यों है, इसके लिए कौन जिम्मेदार हैं और उनकेऔरऔर भी

बाजार (सेंसेक्स) खुला मुहूर्त से करीब 37 अंक बढ़कर, मगर बंद हुआ 152.58 अंक की गिरावट के साथ 20,852.38 पर जाकर। लेकिन घबराने की कोई बात नहीं। यह सब कुछ नहीं, बस मछली पकड़ने के जाल जैसा काम है। जाल को नीचे तक ले जाओ ताकि और मछलियां पकड़ में आ जाएं। बाजार अब पूरी तरह नियंत्रण में है और उतार-चढ़ाव इसलिए लाए जा रहे हैं ताकि आप यहां से वहां तक झूल, या कहें तो झूमऔरऔर भी