।।विष्णु नागर।। जिसे आज हम ज्योतिष के रूप में जानते हैं उसका महत्व नहीं होता, अगर हर मनुष्य में अपना भविष्य जानने की एक दबी हुई इच्छा हमेशा से नहीं रही होती। हालांकि विज्ञान की सारी प्रगति के बावजूद आज भी किसी व्यक्ति का भविष्य जानना मुश्किल ही नहीं, असंभव है। यह इसलिए असंभव है कि व्यक्ति का भविष्य न तो पूरी तरह विज्ञान के नियम तय करते हैं, न पूरी तरह सामाजिक-राजनीतिक, आर्थिक स्थितियां और नऔरऔर भी