आम धारणा है कि पंजाब और केरल से सबसे ज्यादा मजदूर विदेश में कमाने जाते हैं। खाड़ी के देश, खासकर अरब के देश इनके खास ठिकाने हैं। लेकिन हकीकत यह है कि उत्तर प्रदेश अरब देशों को मजदूर भेजने में सबसे आगे हो गया है। सरकारी आंकड़ों के मुताबिक 2012 में उत्तर प्रदेश से 1.91 लाख मजदूर अरब देशों में काम करने गए। इसके बाद केरल (98,000), आंध्र प्रदेश (92,000), बिहार (84,000), तमिलनाडु (78,000), राजस्थान (50,000) औरऔरऔर भी

विदेश में बसे भारतीयों ने बीते वित्त वर्ष 2010-11 के दौरान देश में 56 अरब डॉलर की रकम भेजी है। यह इससे पिछले साल की तुलना में दो अरब डॉलर अधिक है। प्रवासी भारतीय मामलों के मंत्री वायलार रवि ने शुक्रवार को राजधानी दिल्ली में खाड़ी क्षेत्र के मिशन प्रमुखों के सम्मेलन को संबोधित करते हुए यह जानकारी दी। उन्होंने कहा कि देश में 2010-11 में 55.9 अरब डॉलर की विदेशी मुद्रा विदेश में बसे भारतीयों नेऔरऔर भी

जहां तक भारतीय बाजार का ताल्लुक है तो उसको लेकर ज्यादा डरने की जरूरत नहीं है। फिलहाल ट्रेडर भाई लोग सेटलमेंट की शुरूआत में यूरोप व अमेरिका के संकट और भारत सरकार की उधारी बढ़ जाने की खबर पर और ज्यादा शॉर्ट पोजिशन बनाने में जुट गए हैं। इसी वजह से बाजार में गिरावट का दौर चला है। मुझे नहीं समझ में आता है कि ऐसे में बहुत ज्यादा मंदी की धारणा पालने की कोई वजह बनतीऔरऔर भी