मेरे एक जाननेवाले हैं, राजस्थान के। पढ़ाई से इंजीनियर, लेकिन पेशे से स्टॉक ट्रेडर। गजब का धैर्य है। इंट्रा-डे नहीं, स्विंग, मोमेंटम या पोजिशनल ट्रेड करते हैं। महीने में कितना कमाते हैं, साफ नहीं बताते। कमाल यह कि स्टॉप लॉस ही नहीं लगाते। कहते हैं अच्छा चुनो, डटे रहो। ट्रेडिंग में भी लंबा अंदाज़ अपनाते हैं। आईटीसी में 315 पर 365 का लक्ष्य बनाकर घुसे तो वहीं पर निकले। अंदाज़ है अपना-अपना। पकड़ें अब शुक्र की दिशा…औरऔर भी

ट्रेडिंग में सारा खेल शांत रहने का है। जो जितना शांत है, बाज़ार पर छाई भावनाओं और सामनेवाले की स्थिति को उतना अच्छा समझ सकता है। हालांकि जब आप फायदे में हो, तब तक शांत रहना बड़ा आसान है। लेकिन घाटा लगते ही बड़े-बड़े दिग्गज सारा धैर्य/शांति गंवा बैठते हैं। जो घाटा लगने पर भी भावनाओं को बुद्धि पर हावी नहीं होने देते, वे ही आखिरकार कामयाब ट्रेडर बनते हैं। चलिए अब परखते हैं सोमवार की दशा-दिशा…औरऔर भी

जब कोई घटना घट जाती है तो उसकी अनंत व्याख्याएं की जा सकती हैं। अपने-अपने हिसाब से तथ्य चुनो और बताते जाओ कि ऐसा इसलिए और वैसा उसलिए हुआ। लेकिन शेयरों के रोजमर्रा के भावों में धांधली जमकर होती है। इसे कोई भी नकार नहीं सकता। सूचकांकों पर नज़र रखिए। आप पाएंगे कि अक्सर ढाई बजे के बाद खटाक से बाज़ार की दिशा पलट दी जाती है। कल भी ऐसा ही हुआ। आखिर क्या थी इसकी वजह…औरऔर भी

हम मानते हैं कि जितना रिस्क, उतना रिवॉर्ड। ज्यादा रिस्क, ज्यादा फायदा। दिक्कत यह है कि फायदे की सोच में मगन होकर हम भूल जाते हैं कि ज्यादा रिस्क में पूंजी डूबने का खतरा भी ज्यादा होता है। वहीं ट्रेडिंग में भयंकर रिस्क की बात कही जाती है। लेकिन प्रोफेशनल ट्रेडर की खूबी होती है कि वो वही सौदे करता है जिसमें न्यूनतम रिस्क में अधिकतम फायदे की प्रायिकता सबसे ज्यादा होती है। अब शुक्र की ट्रेडिंग…औरऔर भी

ट्रेडिंग में कामयाब होने के लिए एक तरफ जहां आपको अपने ऊपर भरोसा ज़रूरी है, वहीं दूसरी तरफ सावधानी भी चाहिए। केवल एक का होना खतरनाक है। अगर आप निधड़क हैं, लेकिन सतर्क नहीं तो बहुत मुमकिन है कि आप मग़रूर और फेंकू हो जाएंगे। यह किसी भी ट्रेडर के लिए आत्मघाती है। वहीं अगर आप चौकन्ने हैं, लेकिन अपने पर भरोसा नहीं तो सही मौके भी हाथ से फिसल जाएंगे। अब रूख आज के बाज़ार का…औरऔर भी

भारतीय अर्थव्यवस्था के साथ भारतीय मुद्रा के दुर्दिन भी थमने का नाम नहीं ले रहे। सोमवार को डॉलर के सापेक्ष रुपए की विनिमय दर 52.87 रुपए पर पहुंच गई जो अब के इतिहास की सबसे कमजोर दर है। हालांकि पिछले स्तर से 1.53 फीसदी की गिरावट के साथ 52.84 / 85 रुपए पर बंद हुई। इससे पहले रुपया 22 नवंबर को डॉलर से सापेक्ष 52.73 रुपए तक गिर गया था। विदेशी मुद्रा डीलरों का कहना है किऔरऔर भी

एक तरफ लगभग आम राय बन चुकी है कि मुद्रास्फीति को थामने के लिए भारतीय रिजर्व बैंक मौद्रिक नीति की पहली मध्य-तिमाही समीक्षा में नीतिगत ब्याज दरों को चौथाई फीसदी बढ़ा सकता है, वहीं दूसरी तरफ केंद्र सरकार के नए कैबिनेट सचिव अजित कुमार सेठ मुद्रास्फीति को कोई खतरा नहीं मानते। उनका कहना है कि मुद्रास्फीति को लेकर ज्यादा चिंतित होने की जरूरत नहीं हैं। सरकार का यह बयान ऐसे समय में आया है जबकि नवीनतम आंकड़ोंऔरऔर भी

आईडीबीआई बैंक ने दुनिया में पहली बार 24 घंटे सातों दिन की लॉकर सुविधा शुरू की है। बैंक के चेयरमैन व प्रबंध निदेशक आर एम मल्ला ने सोमवार को मुंबई की कफ परेड, कोलाबा शाखा में इसकी शुरुआत करते हुए कहा कि देश की बात छोड़िए, पूरी दुनिया में अभी तक कहीं भी एनी टाइम लॉकर (एटीएल) की सुविधा नहीं है। उन्होंने कहा कि कुछ बैंक जरूर रोजमर्रा के बैंकिंग अवधि से कुछ समय ज्यादा तक लॉकरऔरऔर भी

बाजार में मिड कैप स्टॉक्स की चर्चा जोरशोर से चल पड़ी है। हर 5 सेकंड पर कोई न कोई सूचना आ जाती है और इनमें से ज्यादातर खबर बन जाती हैं। यह न केवल बाजार के लिए, बल्कि निवेशकों के लिए भी शुभ संकेत है। बी ग्रुप के शेयरों में रैली शुरू हो गई है। उन तमाम रिटेल निवेशकों को अब इनसे निकलने का मौका मिल जाएगा जिन्होंने इन्हें ऊंचे भाव पर खरीदा था। दरअसल, यह एकऔरऔर भी

चाइना कंस्ट्रक्शन बैंक इंटरनेशनल के बैंक रिसर्च प्रमुख पॉल शुल्टे ने ईटी नाऊ को दिए एक इंटरव्यू में कहा है कि भारतीय बैंकों के स्टॉक्स दुनिया में सबसे महंगे हैं। भारतीय बैंक औसतन 15 के पी/ई अनुपात पर ट्रेड हो रहे है, जबकि इंडोनेशिया के बैंक 13 और चीन के बैंक 9 के पी/ई अनुपात पर। पॉल शुल्टे ने एचडीएफसी बैंक, आईसीआईसीआई बैंक, एसबीआई को महंगा बताया और एक्सिस बैंक के बारे में कहा कि जो लोगऔरऔर भी