उद्यमी रिस्क ही रिस्क लेता है। स्टार्ट-अप वाले भी जुगाड़ टाइप रिस्क ही लेते हैं। आईआईएम या आईएमएम वाले सुरक्षित रिस्क लेते हैं। समझने की बात है कि ट्रेडर न तो उद्यमी है, न ही स्टार्ट-अप या फाइनेंस का मास्टर। उसका ट्रेड ऐसा है जिसमें बाज़ी बड़े बारीक अंतर से इधर से उधर चली जाती है। इसलिए उसे हिसाब लगाना पड़ता है कि इतना हारे, उतना जीते तो फायदे के लिए सौदे में रिस्क-रिवॉर्ड अनुपात कितना होनाऔरऔर भी

अब हर तीन साल पर देश के हर आईआईएम की बाहरी समीक्षा हुआ करेगी, जिस पर फिर आईआईएम परिषद में चर्चा की जा सकती है। यह निर्णय बुधवार को परिषद की बैठक में लिया गया जिसकी अध्‍यक्षता मानव संसाधन विकास मंत्री कपिल सिब्‍बल ने की। बैठक में मानव संसाधन विकास राज्यमंत्री डी पुरंदेश्‍वरी, उच्‍च शिक्षा सचिव, आईआईएम के अध्‍यक्षों व निदेशकों समेत मंत्रालय के वरिष्‍ठ अधिकारियों ने हिस्‍सा लिया। बैठक में नए आईआईएम स्‍थापित करने की दिशाऔरऔर भी

जीवन है तो जरूरतें हैं और जब तक जरूरतें हैं, तब तक उन्हें पूरा करने की इच्छा है। पढ़-लिख खूब बड़ा बनने की इच्छा। खूबसूरत दिखने की इच्छा। किसी दिन आसमान छूने की इच्छा। विदेश जाने की इच्छा। अपने घर के बाद हरे-भरे फार्महाउस में रहने की इच्छा। छोटी-छोटी इच्छाएं हैं तो बड़ी-बड़ी इच्छाएं हैं। खुश रहने की ख्वाहिश, धनवान बनने की इच्छा, राज करने की चाहत, ज्ञानवान बनने की तमन्ना। इन इच्छाओं को जो भी पूराऔरऔर भी

प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने देश में हर तरफ फैले भ्रष्टाचार को आर्थिक उदारीकरण व सुधारों का नतीजा मानने के बजाय नैतिक ताने-बाने से जुड़ी समस्या करार दिया है। लेकिन आईआईटी खड़गपुर के छात्रों ने उनके हाथ से डिग्री लेने से इनकार कर खुद उनकी नैतिकता पर सवालिया निशान लगा दिया है। प्रधानमंत्री ने सोमवार को कोलकाता में भारतीय प्रबंधन संस्थान (आईआईएम) के स्वर्ण जयंती समारोह को संबोधित करते हुए कहा कि भ्रष्टाचार आम आदमी के रोजमर्रा केऔरऔर भी

भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थानों (आईआईटी) और भारतीय प्रबंध संस्थानों (आईआईएम) के शिक्षकों को विश्वस्तरीय नहीं बताने की पर्यावरण मंत्री जयराम रमेश की टिप्पणियों को आईआईएम के प्रोफेसरों ने आज ‘एकतरफा’ करार दिया। प्रोफेसरों ने कहा है कि ये टिप्पणियां अतिशय अज्ञानता का नतीजा हैं। रमेश ने कल कहा था कि आईआईटी और आईआईएम के शिक्षक विश्वस्तरीय नहीं हैं। उन्होंने कहा था कि ये संस्थान विद्यार्थियों की गुणवत्ता के कारण ‘उत्कृष्ट’ हैं। आईआईएम, अहमदाबाद के प्रोफेसर अनिल गुप्ता नेऔरऔर भी