यह बजट किसके लिए है? आम के लिए, खास के लिए या बाजार के लिए! अगर प्रतिक्रियाओं के लिहाज से देखा जाए तो इनमें से किसी के लिए भी नहीं। आम आदमी परेशान हैं कि उसे बमुश्किल से मुद्रास्फीति की मार के बराबर कर रियायत मिली है। खास लोगों को कहना था कि वित्त मंत्री को राजकोषीय मजबूती के लिए जो ठोस उपाय करने थे, वैसा कोई भी साहसिक कदम उन्होंने नहीं उठाया है। उन्होंने दस मेंऔरऔर भी

हर खासो-आम यही तलाशने में लगा है कि उसे बजट 2012-13 से क्या मिला। कंपनियों और धंधे वालों की बात अपनी जगह है। लेकिन अगर हम नौकरीपेशा लोगों की बात करें तो आयकर के नए प्रावधानों का सबसे ज्यादा फायदा साल भर में आठ से दस लाख कमानेवालों को होगा। बजट में आयकर छूट की सीमा 1.80 लाख रुपए से बढ़ाकर दो लाख रुपए सालाना कर दी गई है। हालांकि संसदीय समिति ने इसे तीन लाख करनेऔरऔर भी

बाजार की चाल निराली है। वित्त मंत्री के बजट भाषण शुरू करने के आधे घंटे में इसकी दशा-दिशा दिखाने वाला सूचकांक निफ्टी 5445.65 की ऊंचाई तक जा पहुंचा। फिर गिरने-उठने लगा और आखिर में कल से 1.16 फीसदी की गिरावट के साथ 5317.90 पर बंद हुआ। मुझे भी लगता है कि बजट में ऐसा कुछ नहीं, जिसे खास माना जाए। निजी आयकर में छूट की सीमा को 20,000 रुपए बढ़ा देने से लोगों की खर्च करने कीऔरऔर भी

वित्त मंत्री प्रणब मुखर्जी की घोषणा के मुताबिक प्रत्यक्ष कर संहिता (डीटीसी) अगर नए वित्त वर्ष 2011-13 से लागू हो गई तो आयकर मुक्ति की सीमा 1.80 लाख रुपए के मौजूदा स्तर से बढ़ाकर दो लाख रुपए की जा सकती है। इसलिए उम्मीद की जा रही है कि अगले महीने पेश किए जानेवाले आम बजट में नौकरीपेशा लोगों को आयकर में कुछ राहत मिल सकती है। प्रत्यक्ष कर क्षेत्र में सुधारों को आगे बढ़ाने के लिए संसदऔरऔर भी

प्रत्यक्ष कर संहिता (डीटीसी) और माल व सेवाकर (जीएसटी) पर अमल अप्रैल 2012 से पहले नहीं हो सकता। वित्त मंत्री प्रणव मुखर्जी सोमवार को आम बजट में इसका ऐलान कर सकते हैं। लेकिन इस बीच पूरी संभावना है कि वे नए वित्त वर्ष 2011-12 के बजट में आयकर छूट की सीमा बढ़ाकर दो लाख रुपए कर देंगे। अभी यह सीमा 1.60 लाख रुपए की है। सूत्रों के मुताबिक इसके अलावा विश्व बाजार में कच्चे तेल के बढ़तेऔरऔर भी