दुनिया के बाजार में सोने के भाव पिछले छह महीनों में भले ही 3.58 फीसदी गिर चुके हों, लेकिन भारत में इसका दाम इसी दौरान 4.59 फीसदी बढ़ गया है। इसका सीधा वास्ता डॉलर और रुपए की विनिमय दर से है। रुपया गिरता है तो बाकी सब कुछ वैसा ही रहने पर सोना बढ़ जाता है। मंगलवार को अंतरराष्ट्रीय बाजार में सोने का भाव थोड़ा दबकर 1662.30 डॉलर प्रति औंस (31.1034768 ग्राम) चल रहा था, जबकि भारतऔरऔर भी

सऊदी अरब चाहता है कि कच्चे तेल के दाम 70 से 80 डॉलर प्रति बैरल तक ही रहें तो यह तेल उत्पादक देशों के लिए अच्छा होगा। उसका कहना है कि यदि तेल की कीमतें ऊंचाई पर रहती हैं तो इसे पश्चिम के देश ऊर्जा जरूरतों में आत्मनिर्भर बनने की कोशिश करेंगे और वे इसका कोई वैकल्पिक स्रोत ढूंढ लेंगे। कच्चे तेल के दाम सोमवार को अंतरराष्ट्रीय बाजार में 114.63 डॉलर प्रति बैरल रहे हैं। सउदी अरबऔरऔर भी

विश्व बाजार में आने वाले महीनों में भी कच्चे तेल के दाम यदि 100 डॉलर प्रति बैरल के ईदगिर्द ही टिके रहते हैं तो सार्वजनिक क्षेत्र की तेल विपणन कंपनियों (ओएमसी) की अंडर-रिकवरी या नुकसान अगले वित्त वर्ष में 98,000 करोड़ रुपए तक पहुंच सकता है। सार्वजनिक क्षेत्र की तीन प्रमुख ओएमसी हैं – बीपीसीएल, एचपीसीएल और इंडियन ऑयल। ब्रोकर फर्म इंडिया इनफोलाइन (आईआईएफएल) की एक रिपोर्ट में यह अनुमान व्यक्त करते हुए कहा गया है किऔरऔर भी