अजेय समय 2010-06-12 By: अनिल रघुराज On: June 12, 2010 In: ऋद्धि-सिद्धि हम हर किसी को हरा सकते हैं। यहां तक कि प्रकृति की शक्तियों को भी वश में कर सकते हैं। लेकिन समय को नहीं। पुरुष बली नहिं होत हय, समय होत बलवान। भीलन छीनी गोपियां, वही अर्जुन, वही बान।और भीऔर भी