दो दिन का राष्ट्रीय अवकाश। एक, रमज़ान के बाद खुशी मनाने का मौका। दूसरा, हर शुभारंभ के देव गणपति को घर बुलाने का दिन। एक त्योहार मुस्लिम का, एक हिंदू का। न जाने वो दिन कब आएगा, जब हमें अहसास ही नहीं होगा कि यह हिंदू का त्योहार है या मुस्लिम का। जैसे, आमिर, सलमान या शाहरुख को अपना मानते वक्त हमें भान ही नहीं रहता कि ये सभी मुस्लिम हैं। खैर, यह राष्ट्र-निर्माण की प्रक्रिया हैऔरऔर भी

वीनस रेमेडीज साफ-सुथरी बीस साल पुरानी दवा कंपनी है। कॉरपोरेट गवर्नेंस के नियमों का बखूबी पालन करती है। आठ सदस्यीय निदेशक बोर्ड के चार सदस्य स्वतंत्र निदेशक हैं। देश की 50 प्रमुख दवा कंपनियों में शुमार है। 75 से ज्यादा उत्पाद हैं। दुनिया के 60 देशों में मौजूदगी है। तीन उत्पादन संयंत्र हैं। एक पंचकुला (पंजाब) में। दूसरा बड्डी (हिमाचल प्रदेश) में। और, तीसरा जर्मनी के शहर वेयरने में। पिछले पांच सालों में बिक्री 141.35 करोड़ रुपएऔरऔर भी

वैसे तो नाम में कुछ नहीं रखा। लेकिन जानकर आश्चर्य हुआ कि अनिल नाम की भी एक नहीं, दो लिस्टेड कंपनियां हैं। इनमें से एक है अनिल लिमिटेड जिसका नाम करीब साल भर पहले 22 सितंबर 2010 तक अनिल प्रोडक्ट्स लिमिटेड हुआ करता था। अहमदाबाद की कंपनी है। किसी समय इसका वास्ता अरविंद मिल्स वाले लालभाई समूह से हुआ करता था। अब नहीं है। 1939 में कॉर्न वेट मिलिंग के धंधे से शुरुआत की थी। अब तमामऔरऔर भी

इनफोसिस को भाईलोग धुने पड़े हैं। मौका मिला नहीं कि पीट डाला। पिछले महीने 20 जून 2011 को 2660.55 रुपए पर इसने 52 हफ्ते की तलहटी पकड़ी थी। कल नतीजों की घोषणा के बाद इसका पांच रुपए अंकित मूल्य का शेयर बीएसई (कोड – 500209) में 4.27% गिरकर 2794.25 रुपए पर और एनएसई (कोड – INFY) में 4.44% गिरकर 2791.55 रुपए पर बंद हुआ है। लगता है अभी और गिरेगा। [आगे बढ़ूं, इससे पहले एक छोटी-सी बात।औरऔर भी