बरसात में कुकुरमुत्ते बहुत उगते हैं। पर बादलों की गरज और धरती की नमी के बीच प्राकृतिक मशरूम भी अच्छे निकलते हैं। बस, हमें कुकुरमुत्ते और प्राकृतिक मशरूम का फर्क समझ में आना चाहिए। इसी तरह शेयर बाज़ार में तेज़ी आती है तो आईपीओ भी जमकर आते हैं। अगले 10-12 महीनों में 14 कंपनियां पूंजी बाज़ार से करीब दस हज़ार करोड़ रुपए जुटाने वाली हैं। अब की बार तथास्तु में कुकुरमुत्तों के बीच का एक अच्छा मशरूम…औरऔर भी

कंपनियां भी इंसान ही चलाते हैं, कोई भगवान नहीं। हर कंपनी के पीछे प्रवर्तक और उनका बनाया प्रबंधन होता है। हमें उसी कंपनी में पूंजी लगानी चाहिए जिसका कामकाज पारदर्शी हो, प्रबंधन ईमानदार हो और उसे पूंजी का सही नियोजन आता हो। जिस कंपनी के प्रवर्तकों ने अपने शेयरों का कुछ हिस्सा गिरवी रख रखा हो, उससे दूर रहना चाहिए क्योंकि गिरते बाज़ार की भंवर इन्हें डुबा देती है। इस हफ्ते बायोफार्मा सेगमेंट की सबसे दबंग कंपनी…औरऔर भी

हम अक्सर प्रचलित मान्यताओं और प्रचार के शिकार हो जाते हैं। सच है कि जनधन का हर लुटेरा गलत है, चाहे वो राजनीतिक हो या चोर-डकैत। इस लूटे गए धन पर वह टैक्स देगा तो फंस जाएगा। ऐसी काली कमाई से निकला काला धन गलत है। लेकिन मान लीजिए कि हम फालतू झंझट से बचने से लिए अपनी मेहनत की कमाई पर टैक्स नहीं देते तो वह काला धन कैसे हो गया? कोई इलाका सरकार से बगावतऔरऔर भी