जब बजट के एक दिन पहले आई आर्थिक समीक्षा में सितंबर 2014 में ज़ोर-शोर से शुरू की गई ‘मेक इन इंडिया’ योजना में संशोधन कर ‘असेम्बल इन इंडिया’ जोड़ दिया गया, तभी सकेत मिल गया था कि सरकार का मैन्यूफैक्चरिंग क्षेत्र को मजबूत बनाने का इरादा अब ढीला पड़ गया है। सरकार ने ‘मेक इन इंडिया’ योजना शुरू करते वक्त लक्ष्य रखा था कि देश के जीडीपी में इसका योगदान 16 प्रतिशत से बढ़ाकर 2022 तक 25औरऔर भी

केंद्र सरकार ने कॉरपोरेट क्षेत्र को अब तक का सबसे बड़ा उपहार दिया है, वह भी बजट से बाहर। शुक्रवार को वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने देश की राजधानी दिल्ली नहीं, बल्कि गोवा की राजधानी पणजी में शुक्रवार को एक प्रेस कांफ्रेंस में इस तोहफे या प्रोत्साहन उपाय की घोषणा की। इसके तहत कॉरपोरेट क्षेत्र को कुल 1.45 लाख करोड़ रुपए का पैकेज दिया गया है। मकसद साफ है कि अर्थव्यवस्था में छाई निराशा और शेयर बाज़ारऔरऔर भी

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बड़े जोरशोर से अपना महत्वाकांक्षी कार्यक्रम ‘मेक इन इंडिया’ शुरू कर दिया है। गुरुवार को राजधानी दिल्ली के विज्ञान भवन में करीब 500 नामी-गिरामी उद्योगपतियों की मौजूदगी में प्रधानमंत्री ने कहा, “अगर आप बाहर से आकर या यहां के लोग औद्योगिक विकास पर ध्यान नहीं देंगे, मैन्यूफैक्चरिंग सेक्टर पर ध्यान नहीं देंगे, रोज़गार के अवसर उपलब्ध नहीं कराएंगे तो यह चक्र कभी पूर्ण होनेवाला नहीं है।” उन्होंने उद्योग प्रतिनिधियों के सामने बहुत बड़ेऔरऔर भी