अमेरिका के केंद्रीय बैंक, फेडरल रिजर्व ने अंततः ब्याज दरों में कोई बढ़ोतरी नहीं की, जबकि दुनिया भर में माना जा रहा था कि वो इसे शून्य से 0.25 प्रतिशत से बढ़ाकर 0.25 से 0.50 प्रतिशत कर सकता है। फेडरल रिजर्व की चेयरमैन जानेट येलेन ने भारतीय समय से गुरुवार-शुक्रवार की आधी रात के बाद यह घोषणा करते हुए कहा कि यह कदम वैश्विक अर्थव्यवस्था से जुड़ा है जिसने वस्तुतः अमेरिकी केंद्रीय बैंक के हाथ बांध दिएऔरऔर भी

विदेशी बाजार से अच्छी हवाएं आईं तो हमारा बाजार भी बढ़ गया। लेकिन यह बहुत तात्कालिक नजरिया है। भारतीय अर्थव्यवस्था के अपने फंडामेंटल इतने मजबूत हैं कि हमारे बाजार को बढ़ने से कोई नहीं रोक सकता। अच्छा मानसून, पेट्रोलियम पदार्थों से मूल्य नियंत्रण हटाने जैसे साहसी सरकारी कदम, मुद्रास्फीति के दिसंबर तक 6 फीसदी पर आ जाने का भरोसा और इस साल कंपनियों की आय में 25 फीसदी से ज्यादा वृद्धि के संकेत। यह सारा कुछ कोराऔरऔर भी