काश! हम उतना ही पैदा करते, जितना वाकई आवश्यक है। लेकिन मुनाफा बढ़ाते जाने के इस दौर में अनावश्यक चीजें बनाई और ग्राहकों के गले उतारी जा रही हैं। इससे वो प्राकृतिक संपदा छीझती जा रही है जो फिर कभी वापस नहीं आएगी।और भीऔर भी

भ्रष्टाचार पर लगाम लगाने के लि‍ए वि‍त्‍त मंत्री प्रणव मुखर्जी की अध्‍यक्षता में गठि‍त मंत्री समूह (जीओएम) ने प्राकृति‍क संसाधनों के आवंटन पर चावला समि‍ति की कई सि‍फारि‍शों को मानने को कहा है। पूर्व वि‍त्‍त सचि‍व अशोक की अध्यक्षता में इस समिति का गठन जनवरी 2011 में किया गया था। समि‍ति‍ ने अपनी रि‍पोर्ट 31 मर्इ 2011 को सरकार को सौप दी थी। समि‍ति को सरकार द्वारा आवंटि‍त कि‍ए जा रहे मुख्‍य प्राकृति‍क संसाधनों की पहचान, आवंटनऔरऔर भी