आप सभी को नया साल मुबारक। बीते साल जिस दुख और तकलीफ से आप गुजरे हैं, उसकी कोई भी अनदेखी नहीं कर सकता। ऊपर से गिरावट का शोर थमा नहीं है। निफ्टी के और गिरकर 4200 व 3800 पहुंचने के अनुमान भले ही मूलभूत आर्थिक पहलुओं पर खरे न उतरते हों, लेकिन चार्टों और टेक्निकल एनालिसिस का सहारा लेकर अब भी यही भोंपू बजाया जा रहा है। सरकार ने विदेशी निवेशकों को भारतीय कंपनियों में शेयर हिस्सेदारीऔरऔर भी

समय हथेलियों से फिसलती रेत की तरह निकलता जाता है। हाथ मलते रह जाते हैं हम कि इस साल भी खास कुछ नहीं कर पाए। तय करें कि नए साल के हर पल का तेल निकाल लेंगे, निरर्थक नहीं जाने देंगे।और भीऔर भी

यूं तो काल गणना का हर पल कोई न कोई महत्व रखता है लेकिन कुछ तिथियों का भारतीय काल गणना में विशेष महत्व है। भारतीय नव वर्ष (विक्रमी संवत) का पहला दिन (यानि वर्ष-प्रतिपदा) अपने आप में अनूठा है। इसे नव संवत्सर भी कहते हैं। इस दिन पृथ्वी सूर्य का एक चक्कर पूरा करती है और दिन-रात बराबर होते हैं। इसके बाद से ही रात्रि की अपेक्षा दिन बड़ा होने लगता है। काली अंधेरी रात के अन्धकारऔरऔर भी

मैं अजर हूं, अमर हूं, अनंत हूं। तुम मुझे क्या बांटोगे? मैंने खुद को दिन-रात और ऋतुओं में बांटा है। तुमने तो महीने और साल बनाकर मेरा अनुकरण भर किया है। मैं बंटता नहीं, मैं बंधता नहीं। मैं समय हूं।और भीऔर भी

वैश्विक मंदी के बादल छंटने के बाद भारत में आईटी क्रांति नये सिरे से जोर पकड़ रही है। लोगबाग अब डेस्कटॉप कंप्यूटर की बजाय लैपटॉप व टैबलेट कंप्यूटर जैसे उत्पादों पर ध्यान दे रहे हैं, जिन्हें आवश्यकता अनुसार कहीं भी इस्तेमाल किया जा सके। बाजार विशेषज्ञ कहते हैं कि नए साल में कंप्यूटर की दुनिया में नोटबुक, टैबलेट और ई-रीडर जैसे उत्पादों का बोलबाला रहने का अनुमान है। इसी तरह कीबोर्ड तथा माउस जैसे उपकरण भी धीरे-धीरेऔरऔर भी

लंबे समय की बात छोड़िए, आपको तो थोड़े समय के लिए भी बाजार की दशा-दिशा को लेकर फिक्र करने की जरूरत नहीं है। अगर हम वित्त वर्ष 2011-12 के अनुमानित लाभ को आधार बनाएं तो भारतीय बाजार अभी 16 के पी/ई अनुपात पर चल रहा है जो इक्विटी मूल्यांकन के वैश्विक मापदंड से काफी नीचे है। इसलिए उन लोगों को कहने दीजिए, जो कहते हैं कि भारतीय बाजार महंगा हो चला है और इसमें अब गिरावट आनीऔरऔर भी

साल 2011 के आने की धमक शुरू हो गई है और लगता है कि ये साल पहले से अच्छा है। खासतौर पर नौकरी की तलाश में लगे लोगों के लिए नया साल खुशखबरी लेकर आएगा। भारतीय उद्योग जगत द्वारा नई नियुक्तियों में 20 फीसदी इजाफा होने की उम्मीद है। साथ ही कंपनियों द्वारा अपने कर्मचारियों के वेतन में भी आकर्षक बढ़ोतरी की जाएगी। सतर्कता भरी शुरुआत के बाद 2010 की दूसरी छमाही में लोगों पर नौकरी परऔरऔर भी