बाज़ार से खूब खेलते हैं निहित स्वार्थ
सिद्धांततः बाज़ार शक्तियां निष्पक्ष होती हैं। पर व्यवहार में भारत जैसे विकासशील देश ही नहीं, अमेरिका व यूरोप जैसे विकसित देशों तक में निहित स्वार्थ बाज़ार को अपनी उंगलियों पर नचाते हैं। दो साल पहले उजागर हुआ कि डीबीएस, डॉयचे बैंक, जेपी मॉर्गन व सिटी बैंक जैसे तमाम बैंक दशकों से लिबोर के साथ छेड़छाड़ करते आ रहे हैं। भारतीय शेयर बाज़ार में ऐसा खेल धड़ल्ले से चलता है। कल भी ढाई बजे कुछ ऐसा ही हुआ…औरऔर भी