जो आनेवाले कल के सपने बुनते हुए जीते हैं, उनका आज अस्त-व्यस्त रहना स्वाभाविक है। जो गुजरे कल की नॉस्टैल्जिया में जीते हैं, उनका आज सीलन व घुटन भरा रहना भी उतना ही स्वाभाविक है।और भीऔर भी

यह वक्त है देखने-समझने का कि हमने आपसे क्या कहा था और दुनिया भर के विश्लेषक क्या कह रहे थे। उन्होंने हिन्डेनबर्ग अपशगुन के नाम पर मुनादी की थी कि सितंबर में बाजार में जबरदस्त गिरावट आएगी, जबकि हमने डंके की चोट पर कहा था कि बाजार नई ऊंचाई पकड़ेगा। सीएनबीसी से लेकर एनडीटीवी व तमाम दूसरे चैनलों पर एनालिस्ट लोग आपका ब्रेनवॉश करते रहे और कहते रहे कि निफ्टी का 5600 अंक पर जाना असंभव है।औरऔर भी