चीन में अभी धूप से करीब 5000 मेगावॉट बिजली बनती है। अपने सोलर पैनेल उद्योग के उत्पादन को खपाने के लिए उसने तय किया है कि 2015 तक वह सौर ऊर्जा की क्षमता 35,000 मेगावॉट तक पहुंचा देगा। वहीं, भारत में सौर ऊर्जा की मौजूदा क्षमता 1466 मेगावॉट है। दस साल में 2022 तक इसे 20,000 मेगावॉट तक पहुंचाने की योजना है। देश को परमाणु बिजली का खतरनाक ख्वाब दिखानेवाली यूपीए सरकार को सूरज की रौशनी मेंऔरऔर भी

देश में बिजली की स्थापित क्षमता 2,00,287 मेगावॉट हो गई है। इसमें ताजा योगदान हरियाणा के झज्जर में शुरू हुए 660 मेगावॉट के बिजली संयंत्र का है। इससे पहले 31 मार्च 2012 तक देश में बिजली की कुल स्थापित क्षमता 1,99,627 मेगावॉट थी। इसमें ताप बिजली की क्षमता 1,32,013 मेगावॉट, पनबिजली की 38,991 मेगावॉट, परमाणु बिजली की 4780 मेगावॉट और अक्षय ऊर्जा की 24,503 मेगावॉट क्षमता शामिल है। अप्रैल 2007 से मार्च 2012 तक चली 11वीं योजनाऔरऔर भी

ऑस्ट्रेलिया की प्रधानमंत्री जूलिया गिलार्ड ने भारत को यूरेनियम के निर्यात पर लगी रोक हटाने की पेशकश की है। गिलार्ड का कहना है कि अब वक्त आ गया है जब पुरानी स्थिति बदल दी जानी चाहिए। सिडनी में अगले महीने होने जा रहे लेबर पार्टी के सालाना सम्मेलन में इस मुद्दे पर चर्चा होगी और माना जा रहा है कि प्रधानमंत्री नीतियों में बदलाव के लिए सहमति हासिल कर लेंगी। मंगलवार को मेलबर्न पत्रकारों से बातचीत मेंऔरऔर भी