प्याज के साथ-साथ अब फाइबर, खनिज, पेट्रोल, एलपीजी और डीजल भी महंगाई में पलीता लगाने लग गए हैं। सरकार के ताजा आंकड़ों के अनुसार 22 जनवरी 2011 को समाप्त सप्ताह में प्याज की थोक कीमतें साल भर पहले की तुलना में जहां 130.41 फीसदी बढ़ी हैं, वहीं फाइबर 47.13 फीसदी, खनिज 16.70 फीसदी, पेट्रोल 30.75 फीसदी, एलपीजी 14.99 फीसदी और डीजल के दाम 14.71 फीसदी बढ़ गए हैं। कुल मिलाकर 22 जनवरी को खत्म हफ्ते में खाद्यऔरऔर भी

खाने-पीने की चीजों के दामों में लगातार तेजी से परेशान प्रधानमंत्री मनमोहन सिहं ने महंगाई को थामने के उपायों पर विचार-विमर्श के लिए आज, मंगलवार को राजधानी दिल्ली में एक उच्चस्तरीय बैठक की। लेकिन इसका कोई नतीजा नहीं निकला। इसलिए विचार-विमर्श का सिलसिला कल भी जारी रहेगा। सूत्रों के मुताबिक कोई नतीजा न निकलने की वजह कृषि व खाद्य मंत्री शरद पवार का अड़ियल रवैया रहा है। इसलिए संभव है कि सरकार अगले फेरबदल में पवार सेऔरऔर भी

खाद्य वस्तुओं विशेषकर प्याज की बढ़ती महंगाई पर काबू पाने में विफलता के लिए आलोचना झेल रहे वित्त मंत्री प्रणव मुखर्जी ने राज्यों के मुख्यमंत्रियों को एक पत्र लिखकर जमाखोरों के खिलाफ कार्रवाई करने को कहा है ताकि आवश्यक वस्तुओं की आपूर्ति बढ़ाई जा सके। वित्त मंत्रालय के सूत्र के मुताबिक वित्त मंत्री ने सभी मुख्यमंत्रियों को पत्र लिखकर जमाखोरों के खिलाफ कार्रवाई करने को कहा है ताकि आपूर्ति में आ रही अड़चनों को दूर किया जाऔरऔर भी

महंगाई का असर लोग जब झेल चुके होते हैं, तब सरकार को पता चलता है और यह अगर ज्यादा हुई तो उसकी परेशानी बढ़ जाती है क्योंकि इससे मुद्रा से जुड़े सारे तार हिल जाते हैं, बैंकों व कॉल मनी की ब्याज दरों से लेकर सरकार की उधारी तक प्रभावित होती है और रिजर्व बैंक को फटाफट उपाय करने पड़ते हैं। ऊपर से सरकार को विपक्ष का राजनीतिक हमला अलग से सहना पड़ता है। इस समय यहीऔरऔर भी