जो व्यक्ति दिल से विनम्र, दिमाग से जिज्ञासु और मन से आशावादी होता है, किस्मत हमेशा उसका साथ देती है। जो खुद को भगवान का दुलारा मानता है, किस्मत खुद-ब-खुद उसकी चेरी हो जाती है। वह किस्मत के पीछे नहीं, किस्मत उसके पीछे भागती है।और भीऔर भी

ज्ञान के लिए विनम्रता जरूरी है। तभी आप बच्चों जैसा कुतुहल लेकर ज्ञान की अनंत दुनिया में हतप्रभ रह सकते हैं। लेकिन विनम्रता में खुद को जो कमजोर दिखा दिया तो यह दुनिया आपको खा जाएगी।और भीऔर भी

विद्या विनय देती हो या नहीं, लेकिन ज्ञान जरूर मुक्त करता है। पर ज्ञान व मुक्ति के अलग-अलग स्तर हैं। जो जितना मुक्त है, उतना संपन्न है। वैसे हर संपन्न व्यक्ति का मुक्त होना जरूरी नहीं।और भीऔर भी