केके बिड़ला समूह की कंपनी चंबल फर्टिलाइजर्स ने बुधवार को सितंबर तिमाही के नतीजे घोषित किए। कंपनी के निदेशक बोर्ड के कुछ फैसले भी किए। लेकिन इनमें से किसी बात से आहत होकर कंपनी का शेयर एक दिन में 13 फीसदी से ज्यादा गिर गया। एनएसई में इसका दस रुपए अंकित मूल्य का शेयर 13.02 फीसदी गिरकर 88.15 रुपए और बीएसई में 13.46 फीसदी गिरकर 87.45 रुपए पर बंद हुआ। इसकी दो स्पष्ट वजहें हैं। एक तोऔरऔर भी

हाउसिंग डेवलपमेंट फाइनेंस कॉरपोरेशन (एचडीएफसी) का धंधा एकदम सीधा सरल है। पहले हमारे बाप-दादा रिटायर होने के बाद ही घर बना पाते थे। लेकिन आज 30-35 साल के नौकरीपेशा लोग भी मुंबई व दिल्ली जैसे शहर में अपना घर बना ले रहे हैं तो इसे सुगम बनाने और इस ख्वाहिश को बिजनेस म़ॉडल बनाने का श्रेय एचडीएफसी के संस्थापक हंसमुख ठाकुरदास पारेख को जाता है। 1977 में उन्होंने आम मध्य वर्ग के लोगों को हाउसिंग फाइनेंस देनेऔरऔर भी

देश की दूसरी सबसे बड़ी सॉफ्टवेयर निर्यातक कंपनी इनफोसिस ने उम्मीद से बेहतर नतीजे पेश किए तो दुनिया भर में आर्थिक अनिश्चितता के बावजूद निवेशकों के चेहरे खिल गए और उसके शेयर एकबारगी 6.17 फीसदी उछल गए। लेकिन इसके साथ ही थोड़ी बिकवाली भी शुरू हो गई तो शेयर बाद में थोड़ा नीचे आ गए। इनफोसिस ने चालू वित्त वर्ष 2011-12 की सितंबर तिमाही में समेकित रूप से 8099 करोड़ रुपए की आय पर 1906 करोड़ रुपएऔरऔर भी

महाराष्ट्र सीमलेस (बीएसई – 500265, एनएसई – MAHSEAMLES) का नाम सुनकर लगता है कि जैसे यह महाराष्ट्र के किसी उद्योगपति की कंपनी हो। लेकिन यह हरियाणा के डी पी जिंदल समूह की कंपनी है। असल में देश में जिंदल नाम के तीन समूह है और तीनों का मूल परिवार एक है। पहला, ओ पी जिंदल समूह जिसकी मुख्य कंपनियां हैं – जिंदल स्टेनलेस, जिंदल सॉ, जेएसडब्ल्यू स्टील और जिंदल स्टील एंड पावर। दूसरा, एस एस जिंदल समूहऔरऔर भी

खबर आ जाती तो अच्छा था। लेकिन यहां तो कानोंकान सुनी और कही गई बातें फैलाई जा रही हैं। कहा गया कि आईबी की रिपोर्ट में रुचि सोया और केएस ऑयल के शेयर-भावों के साथ धांधली की बात है और रुचि सोया को 27 फीसदी व केएस ऑयल को 14.69 फीसदी फटका लग गया। निवेशक घबराए हुए हैं। ऐसे में सेबी को चाहिए कि सामने आकर स्थिति साफ करे कि आईबी की ऐसी कोई रिपोर्ट है किऔरऔर भी

बाजार पर आज कम से कम दोपहर तक हाउसिंग लोन घोटाले का असर छाया रहेगा। लेकिन लंबे निवेश की चाह में लगे लोगों के लिए यह घोटाला कोई ऐसा मसला नहीं है जिससे डरकर भाग लिया जाए। गिरावट के ऐसे मौके तो अच्छे शेयरों को सस्ते में पकड़ने के लिए ही होते हैं। ऐसा ही सस्ता शेयर है टेक्नोफैब इंजीनियरिंग का। उसे कल ही 30 करोड़ रुपए का नया ऑर्डर मिला है। इससे ठीक पंद्रह दिन पहलेऔरऔर भी

गोदावरी पावर एंड इस्पात लिमिटेड (बीएसई – 532734, एनएसई – GPIL) बी ग्रुप की कंपनी है। किसी सूचकांक में शामिल नहीं तो शेयर बाजार में मची हायतौबा से बाहर है। बाजार गिरे या बढ़े, उस पर फर्क जरूर पड़ता है, लेकिन ज्यादा नहीं। जैसे कल सेंसेक्स 1.33 फीसदी गिर गया, जबकि उसमें आई गिरावट 0.58 फीसदी ही रही। उसमें सेंसेक्स जैसा भारी उतार-चढ़ाव भी नहीं है। वह 193.25 से 198.95 रुपए के सीमित दायरे में सुकून सेऔरऔर भी

रॉयल ऑर्किड होटल्स ने अच्छे नतीजे घोषित किए तो क्या? उसकी अच्छी-खासी विस्तार योजनाएं हैं तो क्या? उसकी प्रति शेयर बुक वैल्यू 74.91 रुपए है तो क्या? कोई देखेगा नहीं, पूछेगा नहीं तो शेयर के भाव कैसे बढ़ेंगे! खिलाड़ियों की दिलचस्पी नहीं। रिटेल निवेशक डरे हुए हिरन की तरह बाजार से चौकड़ी मारकर भागे हुए हैं। इसलिए रॉयल ऑर्किड होटल्स में चंद हजार शेयरों का कारोबार होता है और भाव 75 रुपए के आसपास डोल रहा है।औरऔर भी

भाई लोगों ने नतीजे घोषित होने से पहले महिंद्रा सत्मय की क्या धुनाई की है? बीएसई में यह शेयर खुला पहले से बढ़कर 87 रुपए पर। दोपहर साढ़े बारह बजे तक 88.40 रुपए तक पहुंच गया। शेयर कमोबेश इसी दायरे में चल रहा था कि अचानक पौने दो बजे के आसपास खिलाड़ी लोग इसे गिराकर 81.90 रुपए तक ले गए। फिर तो शाम को बाजार की समाप्ति तक यह दबा-दबा ही रहा और बंद हुआ शुक्रवार केऔरऔर भी

सत्यम कंप्यूटर सर्विसेज का नाम भारतीय कॉरपोरेट जगत के इतिहास में काले अक्षरों से लिखा जा चुका है। लेकिन यह नाम अब खुद धीरे-धीरे मिटता जा रहा है। अभी महिंद्रा सत्यम बना है। साल-छह महीने में पूरी की पूरी कंपनी टेक महिंद्रा में विलीन हो सकती है। लेकिन आज का दिन बहुत महत्वपूर्ण है क्योंकि महिंद्रा सत्यम राजू की प्रेतछाया से पूरी तरह मुक्त होने के बाद आज चालू वित्त वर्ष की पहली दो तिमाहियों (जून वऔरऔर भी