भारतीय रेल ने नए वित्त वर्ष 2011-12 में 57,630 करोड़ रुपए खर्च करने का निर्णय लिया है। यह किसी एक साल में रेलवे का अब तक का सबसे बड़ा आयोजना खर्च है। इस खर्च में से 20,000 करोड़ रुपए वित्त मंत्रालय से बजटीय सहयोग के रूप में मिलेंगे। भारतीय रेल अपने आंतरिक स्रोतों से 14,219 करोड़ रुपए लगाएगी। डीजल पर सेस या अधिभार से 1041 करोड़ रुपए मिलेंगे। निजी क्षेत्र की भागीदारी वाली पीपीपी (पब्लिक प्राइवेट पार्टनरशिप)औरऔर भी

रेल मंत्री ममता बनर्जी ने इन आरोपों को गलत बताया कि उनका रेल बजट लोकलुभावन या पश्चिम बंगाल केन्द्रित है। उन्होंने कहा कि उन्होंने इस बजट में पूरे देश का ध्यान रखा है और हर क्षेत्र के लिए परियोजनाएं दी हैं। लोकसभा में वित्त वर्ष 2011-2012 का रेल बजट पेश करने के बाद संसद भवन में संवाददाताओं से बातचीत करते हुए ममता ने सीपीएम के उस आरोप को भी गलत बताया कि उन्होंने रेलवे को कंगाल बनाऔरऔर भी

पूर्व रेलमंत्री लालू प्रसाद यादव की पार्टी राष्ट्रीय जनता दल (आरजेडी) ने रेल बजट को ‘कोरी घोषणाओं का पुलिंदा’ करार देते हुए कहा कि इस बजट के जरिये पश्चिम बंगाल में अपनी चुनावी रेल दौड़ाने की कोशिश कर रही मौजूदा रेल मंत्री ममता बनर्जी ने मंत्रालय को अर्श से फर्श पर ला दिया है। आरजेडी की उत्तर प्रदेश इकाई के अध्यक्ष अशोक सिंह ने ममता द्वारा पेश बजट पर प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए कहा कि रेलमंत्री काऔरऔर भी

शुक्रवार को पेश होनेवाले रेल बजट में आम यात्री किराए में किसी बढ़े बदलाव की उम्मीद नहीं है। लगातार पिछले सात सालों से ऐसा ही होता आ रहा है। लेकिन उच्च श्रेणी के किराए में मामूली वृद्धि हो सकती है, जबकि अनाज व पेट्रोलियम तेल को छोड़कर ज्यादातर जिसों के मालभाड़े में 8 फीसदी वृद्धि की जा सकती है। उम्मीद है कि 100 नई ट्रेनों की घोषणा रेल मंत्री ममता बनर्जी करेंगी। इसमें से करीब एक दर्जनऔरऔर भी

बाजार इस समय एकदम दुरुस्त चल रहा है और जो भी छोटी-मोटी समस्या है, वह किसी और चीज की वजह से नहीं, बल्कि रोलओवर के चलते पैदा हुई है। बाजार के यह हफ्ता काफी अहम है। रेल बजट और आर्थिक समीक्षा पर इसी हफ्ते आनी है। हमें इन पर कायदे से गौर करने की जरूरत है। 2जी स्पेक्ट्रम घोटाले की जांच जेपीसी से कराने का मसला तो सुलझ ही चुका है। इसलिए संसद का गतिरोध खत्म हुआऔरऔर भी