रिटेल निवेशक और ट्रेडर अगर आज बाज़ार से गायब हो चुके हैं तो इसकी वजह बड़ी साफ है। एक अध्ययन के मुताबिक 2008 से 2013 तक के पांच सालों में गलत प्रबंधन के चलते रिलायंस इडस्ट्रीज़ ने शेयरधारको की दौलत में दो लाख करोड़, एनटीपीसी व एयरटेल ने अलग-अलग 1.2 लाख करोड़, डीएलएफ ने 1.1 लाख करोड़ और आरकॉम ने एक लाख करोड़ रुपए का फटका लगाया है। इस सच के बीच पकड़ते हैं गुरु की चाल…औरऔर भी

आप ऐसे ट्रेडर तो नहीं जो खुद का नुकसान करने पर आमादा है? ट्रेडिंग से हुए फायदे-नुकसान का ग्राफ बनाएं। अगर कुल मिलाकर ग्राफ का रुख ऊपर है तो आप सही जा रहे हैं। अन्यथा, तय मानिए कि आप बाज़ार की चाल नहीं पकड़ पा रहे और अपना ही नुकसान करने की फितरत के शिकार हैं। गहराई से सोचिए और अपने नज़रिए की पड़ताल कीजिए। इस बीच सौदों का साइज़ फौरन घटा दीजिए। अब रुख बाज़ार का…औरऔर भी

भारत ही नहीं, सारी दुनिया के शेयर बाज़ार कुलांचे मार रहे हैं। क्या अर्थव्यवस्था ही हालत सुधर गई? क्या भविष्य बड़ा सुनहरा दिखने लगा? कंपनियों के मुनाफे बहुत बढ़ गए? अपने यहां कहा जा रहा है कि मुद्रास्फीति इतनी घट गई है कि रिजर्व बैंक 17 जून को ब्याज दर में 0.25% और 30 जुलाई को 0.25% कमी करेगा। इसलिए सेंसेक्स और निफ्टी जनवरी 2011 के बाद के शिखर पर हैं। पर असली वजह कुछ और है…औरऔर भी

मैंने कहा था कि निफ्टी का 5277 पर बंद होना रुख के पलटने का आगाज करेगा। निफ्टी फ्यूचर्स कल नीचे में 5295 तक चला गया और आज 5232 तक चला गया, जो इसका बंद स्तर भी है। हालांकि आज निफ्टी कैश सेगमेंट में 5382.05 तक ऊंचा जाने के बाद 1.22 फीसदी की गिरावट के साथ 5222.40 पर बंद हुआ। समाजवादी पार्टी को उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव में पूर्ण बहुमत मिल चुका है तो कांग्रेस का साथ लेनाऔरऔर भी

आपको कतई यकीन नहीं है कि निफ्टी बढ़कर 5500 तक पहुंच जाएगा। फिर भी मेरी दृढ़ मान्यता है कि ऐसा होकर रहेगा और हम उसे 5480 या 5500 तक पहुंचा हुआ जरूर देखेंगे। मेरी दृढ़ता और पुष्ट हो गई, जब निफ्टी फ्यूचर्स आज ऊपर में 5454 तक जाने के बाद 5452.20 पर बंद हुआ। कैश सेगमेंट में निफ्टी 5428.05 तक जाने के बाद 0.48 फीसदी की बढ़त लेकर 5416.05 पर बंद हुआ है। आप सब लोगों कीऔरऔर भी

पूंजी बाजार नियामक संस्था, सेबी ने अनिल अंबानी व उनके चार सहयोगियों – सतीश सेठ, एस सी गुप्ता, ललित जालान और जे पी चलसानी से कुल 50 करोड़ रुपए लेकर विदेशी वाणिज्यिक उधार (ईसीबी) और एफसीसीबी (विदेशी मुद्रा परिवर्तनीय बांडों) से जुटाई गई राशि के दुरुपयोग के आरोप से मुक्त कर दिया है। सेबी ने शुक्रवार को जारी एक कन्सेंट ऑर्डर के तहत ऐसा किया है। इसमें अनिल अंबानी व उनके सहयोगियों ने न तो आरोप कोऔरऔर भी

तमाम अखबार, पत्र-पत्रिकाएं और बिजनेस चैनल भारतीय शेयर बाजार को लगी 1200 अंकों से ज्यादा की चपत की वजह वैश्विक कारकों में तलाश रहे हैं। लेकिन हमारा मानना है कि असली बात यह नहीं है। लेहमान ब्रदर्स के डूबने का मसला हो या उसके बाद के तमाम वैश्विक कारक हों, उन्होंने यकीकन कमजोर बाजारों को चोट पहुंचाई, लेकिन इनके बीच भारतीय बाजार ने पुरानी ऊंचाई फिर से हासिल कर ली और यही नहीं, दूसरी अर्थव्यवस्थाओं ने हमाराऔरऔर भी

आपको 8000 अंक पर 15,000 के लक्ष्य के साथ खरीद की कॉल, इसके बाद फिर 15,000 अंक पर 20,000 के लक्ष्य के साथ खरीद की कॉल और फिर इसके बाद जब धन का प्रवाह अलग रंग दिखा रहा हो तब बिक्री की कॉल देने के लिए बड़ा कलेजा और बूता चाहिए। कलेजे के साथ आपको अपने ऊपर भरोसा व विश्वास होना चाहिए। साथ ही साथ इसके लिए बाजार की समझ भी जरूरी है। ब्रोकरों को तो हमेशाऔरऔर भी

जीटीएल इंफ्रास्ट्रक्चर ने अनिल अंबानी समूह की कंपनी रिलायंस इंफ्राटेल के साथ दूरसंचार टावर कारोबार के विलय सौदे को रद्द कर दिया है। कंपनी ने बॉम्बे स्टॉक एक्सचेंज (बीएसई) को सोमवार को सूचना दी कि दोनों पक्षों के बीच गैर-बाध्यकारी समझौता 27 जून 2010 को हुआ था और यह 31 अगस्त 2010 को समाप्त हो गया। कंपनी ने कहा है कि तमाम प्रयासों के बावजूद दोनों कंपनियों ने न तो इस समझौते को आगे बढ़ाया और नऔरऔर भी

हाल-फिलहाल मुझे नहीं लगता कि बाजार बहुत तेजी से दौड़ लगाता हुआ निफ्टी में 5500 का स्तर हासिल कर लेगा। हालांकि 5400 और 5430 का स्तर जल्दी ही पाया जा सकता है। असल में यह सुदृढ़ीकरण या साफ शब्दों में कहें तो बाजार द्वारा खुद को दुरुस्त करने, जमाने का दौर है। बाजार आगे बढ़ने के बजाय जहां-तहां छूट गई खाली जगहों को भरकर अपने को सजो रहा है। अगले चार हफ्तों में अलग-अलग शेयरों में सक्रियताऔरऔर भी