रेप्रो इंडिया प्रिंटिंग व पब्लिशिंग के काम में लगी स्मॉल कैप कंपनी है। करीब तीन दशक से धंधे में है। खासतौर पर शिक्षा से संबंधित किताबें छापती है, भौतिक व डिजिटल दोनों स्वरूप में। कामकाज मुंबई से करती है। दो संयंत्र नवी मुंबई और सूरत के सचिन एसईज़ेड में हैं। धंधा देश ही नहीं, विदेश तक फैला है। करीब 60 फीसदी बिक्री विदेश से आती है। वाणिज्य मंत्रालय द्वारा गठित निर्यात प्रोत्साहन परिषद कैपेक्सिल की तरफ सेऔरऔर भी

अगर हम किसी चीज को नहीं जानते तो यह हमारी अपनी सीमा है। लेकिन हर चीज को कोई न कोई तो जानता ही है और इनमें से हर अच्छी चीज वाजिब भाव भी मिलता है। कंपनियां हमारी आंखों से ओछल रहकर काम करती रहती हैं। हम अनजान रहने के कारण उनकी विकास यात्रा का फल नहीं चख पाते। लेकिन हमारे जानने या न जानने से उनकी विकास यात्रा पर कोई फर्क नहीं पड़ता। वह यात्रा सतत जारीऔरऔर भी