इंसान का स्वभाव और कुत्ते की दुम एक बार आकार ले ले तो फिर उसे बदलना लगभग नामुमकिन होता है। इसलिए बालपन में ही अच्छे संस्कारों की नींव डालना जरूरी है। बाद में कुछ नहीं हो पाता।और भीऔर भी