केईसी इंटरनेशनल। अंतरराष्ट्रीय मौजूदगी रखनेवाली आरपीजी समूह की मुख्य कंपनी। 40-45 फीसदी धंधा भारत से, बाकी बाहर से। करीब महीने भर पहले 400 करोड़ रुपए के नए ऑर्डर मिले। उससे हफ्ते भर पहले जून 2011 की तिमाही के नतीजों से सामने आया कि उसकी बिक्री 20.9 फीसदी और शुद्ध लाभ 25.4 फीसदी बढ़ा है। तब तक उसके पास 8116 करोड़ रुपए के अग्रिम ऑर्डर थे। अब 8516 करोड़ के हो गए हैं। साल भर पहले अमेरिका मेंऔरऔर भी

केईसी इंटरनेशनल आरपीजी समूह की करीब 65 साल पुरानी इंजीनियरिंग व कंस्ट्रक्शन कंपनी है। सचमुच इंटरनेशनल है क्योंकि दुनिया के 45 से ज्यादा देशों से उसे इंफ्रास्ट्रक्चर से जुड़े ठेके बराबर मिलते रहते हैं। उसके पास उभी 7800 करोड़ रुपए के ऑर्डर हैं जो साल भर पहले की अपेक्षा 42 फीसदी ज्यादा है। कंपनी ने सितंबर 2010 में ही अमेरिका की एसएई टावर्स होल्डिंग्स का अधिग्रहण किया है जिसके चलते उसका लाभ मार्जिन बढ़ गया है। अधिग्रहणऔरऔर भी

ज़ेनसार टेक्नोलॉजीज आरपीजी समूह की आईटी सलाह व सॉफ्टवेयर और बीपीओ सेवाओं से जुड़ी कंपनी है। कंपनी के चेयरमैन हर्ष गोयनका हैं। लेकिन उसका प्रबंधन वाइस चेयरमैन व सीईओ गणेश नटराजन के नेतृत्व में बनी बारह सदस्यों की टीम देखती है। इसके नीचे ग्यारह सदस्यों की प्रबंधन परिषद है। कंपनी ने अलग-अलग उद्योगों को दी जा रही सेवाओं के मुताबिक अपने कामकाज को पांच वर्टिकल सेगमेंट में बांटा है। नए वर्टिकल अप्रैल 2011 से काम करना शुरूऔरऔर भी

यूं तो शेयरों के भाव वर्तमान को नहीं, हमेशा भविष्य को पकड़कर चलते हैं। लेकिन किसी कंपनी के भविष्य का आकलन इतना आसान नहीं होता। गहरी रिसर्च और जासूसी का काम होता है यह। फिर भी कभी-कभी कंपनी का अतीत और वर्तमान ही इतना मजबूत होता है कि भविष्य से बेफिक्र होकर उसमें निवेश किया जा सकता है। सीईएससी लिमिटेड का मामला कुछ ऐसा ही है। आरपीजी समूह की कंपनी है। 1899 में गठित हुई। तब सेऔरऔर भी