लोकपाल विधेयक पर सरकार अण्णा हज़ारे के आक्रामक तेवर के आगे नरम पड़ती दिख रही है। एक तरफ मुंबई के बांद्रा कुरला कॉम्प्लेक्स के एमएमआरडीए मैदान में हज़ारे को 27 दिसंबर से 15 दिनों तक अनशन करने की सरकारी अनुमति मिल गई है। वहीं, इसकी नौबत न ही आए, इसके लिए कल, मंगलवार दोपहर दो बजे विधेयक को अंतिम रूप देने के लिए कैबिनेट की बैठक बुलाई गई है। कानून मंत्री सलमान खुर्शीद के मुताबिक विधेयक काऔरऔर भी

टीम अण्णा की प्रमुख सदस्य किरण बेदी ने लोकपाल को संवैधानिक दर्जा दिए जाने की सरकारी पेशकश पर सवाल खड़ा कर दिया है। उनका कहना है कि यह लोकपाल विधेयक के पारित होने में देरी करने या उससे बचने और लोगों को मूर्ख बनाने का एक सोचा-समझा तरीका है। बुधवार को किरण बेदी ने कहा कि संवैधानिक दर्जा इसे (लोकपाल विधेयक को) खत्म करने का तरीका है क्योंकि इसके लिए संसद के दो-तिहाई बहुमत की जरूरत होतीऔरऔर भी

उधर अण्णा हज़ारे ने चेतावनी दी कि अगर संसद के शीत सत्र में जन लोकपाल विधेयक को पारित नहीं कराया गया तो वे कांग्रेस के चुनाव खिलाफ प्रचार करेंगे, इधर कानून मंत्री सलमान खुर्शीद ने कह दिया कि सरकार संसद के शीतसत्र में यह विधेयक जरूर लाएगी। लेकिन उन्होंने कहा कि अगले चुनाव में क्या होना चाहिए, इस बारे में किसी की राय पर वह कोई प्रतिक्रिया व्यक्त करने नहीं जा रहे हैं। कांग्रेस के खिलाफ चुनावऔरऔर भी

सरकार आखिरकार अण्णा हज़ारे के नेतृत्व में चल रहे भ्रष्टाचार विरोधी जन आंदोलन के आगे झुक गई लगती है। प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह की चिट्ठी के बाद टीम अण्णा के साथ सरकार की बातचीत की राह खुल गई। लेकिन सरकार यहां भी अपनी चालाकी से बाज नहीं आई है। वह जन लोकपाल विधेयक को भी संसद की स्थाई समिति को सौपने को तैयार है। लेकिन स्थाई समिति के लिए अन्य तमाम सुझावों की तरह यह भी एक सुझावऔरऔर भी

लोकसभा में मुद्रास्फीति या महंगाई पर बहस जारी है। उम्मीद है कि गुरुवार को एक प्रस्ताव पारित कर मुद्रास्फीति पर चिंता जताई जाएगी और सरकार से कहा जाएगा कि वह कीमतों पर काबू पाने के लिए कुछ और कदम उठाए। लेकिन बुधवार को सांसदों ने महंगाई के मसले पर जिस तरह शब्दों की तीरंदाजी दिखाई है, उसने साबित कर दिया है कि हमारे सांसद आर्थिक मामलों में कितने ज्यादा निरक्षर हैं। वह भी महंगाई जैसे मसले परऔरऔर भी

सुप्रीम कोर्ट में 30 जून, 2011 तक 57,179 मामले लंबि‍त थे, जबकि राज्यों में स्थित सभी हाईकोर्टों में 30 सि‍तम्‍बर, 2010 तक लंबि‍त मामलों की संख्‍या 42,17,903 है। इस तरह हाईकोर्ट व सुप्रीम कोर्ट में 42.75 लाख से ज्यादा मामले अटके पड़े हैं। यह जानकारी कानून मंत्री सलमान खुर्शीद ने मंगलवार को राज्यसभा में लिखित जवाब में दी। उन्होंने बताया कि अदालतों में मुकदमों के जल्द नि‍पटारे के लि‍ए सरकार ने कई उपाय कि‍ए हैं। न्याय संबंधीऔरऔर भी

कैबिनेट ने लोकपाल विधेयक के मसौदे को गुरुवार को मंजूरी दे दी और इस विधेयक को अगले हफ्ते सोमवार, एक अगस्त से शुरू हो रहे संसद के मानसून सत्र में एक-दो दिन के भीतर ही पेश कर दिया जाएगा। प्रस्तावित विधेयक के तहत केंद्रीय मंत्री से लेकर सांसद और ए ग्रुप के अफसर तक लोकपाल के दायरे में आएंगे। उन्हे दंडित करने के लिए लोकपाल को सीआरपीसी, 1973 के सेक्शन 197 या भ्रष्टाचार निरोधक अधनियम 1988 केऔरऔर भी

पूर्व राष्ट्रपति जाकिर हुसैन के नाती, ऑक्सफोर्ड के पढ़वैया और कानून मंत्री सलमान खुर्शीद को कुत्ते-बिल्लियों से अद्भुत प्रेम है। उन्होंने कुशक रोड स्थित अपने सरकारी आवास को चिड़ियाघर बना रखा है। उनके पास सेंट बरनार्ड, लैब्राडोर, मिनिएचर पेकिनीज व भूटिया जैसी तमाम नस्लों के करीब 50 कुत्ते हैं। 28 बिल्लियां हैं जो सभी ईरान की हैं। खरगोश बहुतेरे हैं तो सैकड़ों पक्षी भी। इनमें सुनहरा मोर है तो जापानी बटेर भी। सभी की देखभाल श्रीमती लुइसऔरऔर भी

मंगलवार को गिरते बाजार में भी हिंदुस्तान कंस्ट्रक्शन कंपनी (एचसीसी) के शेयर तब 4.54 फीसदी उछल गए जब पता चला कि जयराम रमेश को पर्यावरण मंत्रालय से हटा दिया गया है। साथ ही दस रुपए अंकित मूल्य से भी नीचे जा चुके बीएजी फिल्म्स के शेयर भी 10 फीसदी उछल गए जब पता चला कि उसके कर्ता-धर्ता राजीव शुक्ला को मनमोहन सिंह ने अपने मंत्रिमंडल में शामिल कर लिया है। जयराम रमेश पर्यावरण के मसले पर किसीऔरऔर भी

कॉरपोरेट कार्य मंत्री सलमान खुर्शीद ने कहा है कि नया कंपनी विधेयक संसद के मौजूदा शीत सत्र में नहीं, बल्कि आगामी बजट सत्र में पेश किया जाएगा। वे बुधवार को नई दिल्ली में आयोजित एक समारोह में अलग से मीडिया से बात कर रहे थे। यह विधेयक काफी लंबे समय से अटका पड़ा है। इसे अंतिम रूप दिया जा चुका है और पिछली लोकसभा के कार्यकाल में ही इसे पेश किया गया था। कंपनी विधेयक 2009 कोऔरऔर भी