मैं अजर हूं, अमर हूं, अनंत हूं। तुम मुझे क्या बांटोगे? मैंने खुद को दिन-रात और ऋतुओं में बांटा है। तुमने तो महीने और साल बनाकर मेरा अनुकरण भर किया है। मैं बंटता नहीं, मैं बंधता नहीं। मैं समय हूं।और भीऔर भी