औरों से झूठ बोलते-बोलते हम एक दिन अपने से भी झूठ बोलने लगते हैं। वो दिन हमारे लिए सबसे ज्यादा दुखद होता है क्योंकि तब हमारा मूल वजूद ही हमारा साथ हमेशा-हमेशा के लिए छोड़कर चला जाता है।और भीऔर भी