केंद्र सरकार के वित्त मंत्रालय से लेकर कॉरपोरेट मामलात मंत्रालय की तरफ से शेल कंपनियों से जुड़ी जैसी जानकारियां सामने लाई जा रही हैं, उससे कालेधन को सफेद करने के मामले में उनकी भूमिका को लेकर उठा रहस्य गहराता जा रहा है। कॉरपोरेट मामलात मंत्रालय ने इसी रविवार को बाकायदा विज्ञप्ति जारी कर जानकारी दी है है कि मंत्रालय के व्‍यापक अभियान के आधार पर दो साल या उससे भी अधिक समय तक निष्क्रिय रहने के कारणऔरऔर भी

राष्ट्रीय दवा मूल्य निर्धारण प्राधिकरण (एनपीपीए) ने अगस्त 1997 में अपनी स्थापना से लेकर 31 जुलाई 2011 तक अधिक मूल्य पर दवाएं बेचने के 812 मामलों में 2357.24 करोड़ रुपए का डिमांड नोटिस जारी किया है। इस राशि में दवाओं की बिक्री पर लिए गए अधिक मूल्य पर लगाया गया ब्याज शामिल है। लेकिन अब तक वह इसमें से महज 211.25 करोड़ रुपए यानी 8.96 फीसदी रकम ही वसूल कर पाया है। उसने ये नोटिस दवा (मूल्यऔरऔर भी