हर कदम पर 2012-03-02 By: अनिल रघुराज On: March 2, 2012 In: ऋद्धि-सिद्धि हम जैसे ही कोई काम शुरू करते है, खटाक से अंदर से आवाज़ आती है – बाद में कर लेंगे। यह जड़त्व है जो चीजों का जैसे का तैसा रहने देना चाहता है। हर कदम पर इसे तोड़कर ही आगे बढ़ना पड़ता है।और भीऔर भी